सरकारी योजना में 10% कमीशन का चस्का हर अधिकारियों को है। जो पकड़े गए वो घूसखोर बाकी सब मस्तखोर। मगर, भ्रष्टाचार का खुला फरूखावादी गेम चल रहा है। इसका बड़ा खुलासा – BDO और लेखापाल ₹1.5 लाख कैश लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए हैं। मामला, रानीगंज के BDO और लेखापाल का है। ₹1.5 लाख रिश्वत लेते निगरानी की टीम की बड़ी कार्रवाई सामने है।
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भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई
पटना/रानीगंज, देशज टाइम्स — सरकारी योजना में 10% कमीशन की मांग पर हुई कार्रवाई, BDO रितम कुमार और लेखापाल आदित्य प्रियदर्शी पकड़े गए। बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। पटना की निगरानी टीम ने रानीगंज के प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) रितम कुमार और लेखापाल आदित्य प्रियदर्शी को मंगलवार देर रात ₹1.5 लाख की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
10% कमीशन के तौर पर मांगी गई थी रिश्वत
निगरानी विभाग के डीएसपी चंद्रभूषण कुमार ने बताया कि यह रिश्वत ₹15 लाख की एक सरकारी योजना में 10 प्रतिशत कमीशन के रूप में मांगी गई थी।
सूचना मिलने के बाद दस सदस्यीय टीम गठित की गई, जिसने BDO के आवास पर छापा मारकर यह कार्रवाई की।
सूचना देने वाले कौन थे?
इस घोटाले की जानकारी रानीगंज के उप प्रमुख कलानंद सिंह और उनके सहयोगी शम्भू यादव ने निगरानी विभाग को दी थी। उन्होंने बताया कि बिना ₹1.5 लाख दिए सरकारी योजना की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही थी। इस आधार पर निगरानी विभाग ने जाल बिछाया और रंगे हाथ पकड़ लिया।
गिरफ्तारी से सरकारी महकमे में हड़कंप
इस गिरफ्तारी के बाद पूरे प्रशासनिक तंत्र में हड़कंप मच गया है। इससे यह साफ हो गया है कि निगरानी विभाग भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसने में पूरी तरह से एक्टिव है।
BDO और लेखापाल दोनों को हिरासत में लेकर आगे की पूछताछ शुरू कर दी गई है।