इस वक्त एक बड़ी खबर नई दिल्ली के सियासी गलियारे से सामने आ रही है, जहां बिहार के समस्तीपुर से सांसद और बिहार लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज के खिलाफ दुराचार मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
दिल्ली पुलिस ने तीन महीने पहले एक महिला की शिकायत के आधार पर बिहार के समस्तीपुर से लोजपा सांसद प्रिंस राज के खिलाफ कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है।
करीब तीन महीने पहले एक पीड़िता ने दिल्ली के कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, अब कोर्ट का आदेश आने के बाद सांसद प्रिंस (Prince Raj) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. ये एफआईआर 9 सितंबर को दर्ज हुई।
प्राथमिकी में लोजपा नेता चिराग पासवान का भी नाम है, चिराग पर आरोप है कि उन्होंने अपने चचेरे भाई प्रिंस के खिलाफ कार्रवाई में देरी करने की साजिश रची थी।
प्रिंस उन पांच लोजपा सांसदों में से एक हैं, जिन्होंने इस साल जून में चिराग के नेतृत्व के खिलाफ पार्टी में बगावत की थी। इससे पहले प्रिंस ने 10 फरवरी को शिकायतकर्ता के खिलाफ रंगदारी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था, ‘मुझे पता चला है कि एक महिला ने मुझ पर कुछ आरोप लगाए हैं। हमने 10 फरवरी को ही शिकायत दर्ज की थी और पुलिस के सामने सभी सबूत पेश किए थे ”
बताया जा रहा है कि एफआईआर के बाद लोजपा सांसद पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। वहीं शिकायत में सांसद चिराग पासवान का भी नाम होने की बात कही गई है।
समस्तीपुर सांसद के खिलाफ नई दिल्ली के एक खिलाफ पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें पुलिस सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर आनाकानी कर रही थी। जिसके बाद पीड़िता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, अंततः कोर्ट के आदेश पर सांसद के खिलाफ मामला दर्ज कर किया गया है।
इस FIR में चिराग पासवान (Chirag Paswan) पर भी गंभीर आरोप लगाए गये हैं। उनपर पीड़िता को ध’मकी देने का आरोप लगा है। बता दें कि प्रिंस राज चिराग पासवान के चचेरे भाई हैं।
17 जून को सांसद ने ट्वीट किया था, ‘मैं स्पष्ट रूप से इस तरह के किसी भी दावे या बयान से इनकार करता हूं जो मेरे खिलाफ किया गया है। ऐसे सभी दावे झूठे, मनगढ़ंत हैं, और मेरी प्रतिष्ठा को खतरे में डालकर पेशेवर और व्यक्तिगत रूप से मुझ पर दबाव बनाने के लिए एक बड़ी आपराधिक साजिश का हिस्सा हैं। ” गौरतलब है कि प्रिंस राज रामविलास पासवान के सबसे छोटे भाई रामचंद्र पासवान के बेटे हैं। रामचंद्र पासवान की मौत के बाद वो सांसद बने हैं।
यह मामला काफी पुराना है और प्राथमिकी कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज हुई है। पीड़िता काफी लंबे समय से दिल्ली के थानों का चक्कर लगा रही थी। यह मामला तब सामने आया जब चार माह पहले लोजपा में टूट के बाद चिराग ने एक लेटर जारी किया, जिसमें प्रिंस राज के करतूत की जानकारी उन्होंने दी थी। लेकिन इस दौरान चिराग ने एक चूक कर दी थी कि उन्होंने पीड़िता का नाम भी उजागर कर दिया।
चिट्ठी में उन्होंने लिखा था कि किस तरह उन्होंने मामले में अपने चचेरे भाई प्रिंस राज की मदद की थी। चिराग ने चिट्ठी जारी कर यह बताने की कोशिश की थी कि वे अपने परिवार के लिए हमेशा खड़े रहे, बावजूद चचेरे भाई प्रिंस राज और चाचा पशुपति पारस ने उन्हें दगा दे दिया। हालांकि बाद में मामला तूल पकड़ने के बाद चिराग ने पहली चिट्ठी को हटाते हुए दूसरी चिट्टी भी जारी की थी, जिसमें युवती का नाम हटा दिया गया था।
युवती ने दोनों भाइयों पर लगाए थे कई गंभीर आरोप
चिराग की चिट्ठी सामने आने के बाद पीड़ित युवती ने दोनों भाइयों पर कई गंभीर आरोप लगाए थे, साथ ही पुलिस पर भी यह आरोप लगाए थे उनके सांसद होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।