किरतपुर रिपोर्टर, बिरौल अनुमंडल डेस्क,देशज टाइम्स। प्रखंड क्षेत्र में रुक-रूक कर हो रही बारिश व गेहूंआ नदी के लगातार वृद्धि होने से किरतपुर, झगरूआ, कूबौल ढंगा, जमालपुर, नरकटिया भंडरिया, खैसा पंचायत बाढ़ के (darbhanga ke kiratpur ke kai gaao baadh se gheere) पानी से घिर गया है।
साथ ही, कई स्थानों के सड़कों पर पानी चढ़ने लगा है। इससे लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। किरतपुर पंचायत के वार्ड 9 और झगरूआ पंचायत का वार्ड 12 बाढ़ के पानी से घिर जाने से यहां के लोगों को घरों से (darbhanga ke kiratpur ke kai gaao baadh se gheere) अन्यत्र जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। बावजूद, अंचल प्रशासन की ओर से एक भी नाव की व्यवस्था नहीं रहने के कारण इस वार्ड के लोगों को आर्थिक दोहन भी प्रतिदिन सहना पर रहा है।
जानकारी देते ग्रामीणों ने देशज टाइम्स को बताया, निजी नाव संचालक प्रति (darbhanga ke kiratpur ke kai gaao baadh se gheere) व्यक्ति से बीस रूपया बतौर किराया वसूल कर रहे हैं। बरसात और बाढ़ के समय खास कर पशु पालकों के लिए मवेशी का चारा लाने में काफी परेशानी होने लगी है।
वार्ड 9 की पशुपालक मंजुला देवी , रंजू देवी, कुशे चौपाल, अमेरिका देवी सहित कई महिला-पूरूषों ने देशज टाइम्स को दु:खड़ा सुनाते बताया, सुबह 8 बजे मवेशी के चारा लाने के लिए निकलती हूं तो शाम के पांच बजे घर वापस लौटती हूं।
इस दौरान यह भय बना रहता है कि घर पर बच्चे किस हाल मे होंगे। (darbhanga ke kiratpur ke kai gaao baadh se gheere) वहीं, कई निजी नाव संचालकों ने देशज टाइम्स को बताया कि बाढ़ के समय अंचल प्रशासन की ओर से नाव का परिचालन करवा कर राशि का भुगतान नहीं किया जाता है। इस कारण हम लोग अपना नाव सरकारी कार्य में नहीं देते हैं।
झगरूआ पंचायत के मुखिया मो. आदिल ने देशज टाइम्स से बातचीत करते बताया, सरकारी नाव नहीं होने से निजी नाव की व्यवस्था करने के लिए अंचल प्रशासन से आग्रह किया गया है।
वहीं जब देशज टाइम्स ने सीओ पंकज कुमार सिंह से बातचीत की तो उन्होंने बताया, फिलहाल अंचल के पास सरकारी नाव नहीं है। जिसकी जानकारी वरीय पदाधिकारी को दे दी गई है। 26 निजी नाव का रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है।
देशज टाइम्स तस्वीर कैप्शन : निजी नाव से पशुचारा ले जाते पशुपालक (darbhanga ke kiratpur ke kai gaao baadh se gheere)