

प्रभास रंजन, दरभंगा | दरभंगा शहर में पिछले चार महीने से फर्जी पुलिसकर्मी बनकर वाहन चालकों से वसूली करने वाले एक युवक को बेंता थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी बेंता चौक के पास चेकिंग के नाम पर लोगों को डरा-धमकाकर रुपए वसूल रहा था।
सूचना पर एसएसपी ने दी कार्रवाई का आदेश
एसएसपी जगन्नाथ रड्डी जलरड्डी को सूचना मिली कि एक व्यक्ति पुलिस वर्दी पहनकर चौक-चौराहों पर वाहन चालकों से अवैध वसूली कर रहा है। उन्होंने तत्काल बेंता थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार को मौके पर भेजा।
थानाध्यक्ष की टीम जब बेंता चौक पहुंची, तो आरोपी भागने का प्रयास करने लगा, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
चार महीने से कर रहा था अवैध वसूली
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह पिछले चार महीनों से दरभंगा शहर के विभिन्न चौक-चौराहों — जैसे ऑटो स्टैंड, हॉस्पिटल रोड और ट्रिपल लोडिंग बाइक रूट्स — पर चेकिंग के नाम पर ऑटो और चार पहिया वाहनों से वसूली करता था।
उसके पास से पुलिस की नकली आईडी कार्ड, दंड (बेटन) और वर्दी बरामद की गई है।
सिपाही भर्ती में असफल होने के बाद बना नकली पुलिसकर्मी
गिरफ्तार युवक की पहचान ऋषि कुमार यादव, पिता अजय कुमार यादव, निवासी कुवाढ़ गांव, थाना जयनगर, जिला मधुबनी के रूप में हुई है।
उसने बताया कि उसने सिपाही भर्ती परीक्षा दी थी लेकिन असफल हो गया। इसके बाद उसने पुलिस की वर्दी खरीदी और खुद को दरभंगा में तैनात पुलिसकर्मी बताने लगा।
वह शादी के लिए अच्छे परिवार और दहेज की उम्मीद में खुद को पुलिसकर्मी के रूप में पेश कर रहा था।
दरभंगा में पहले भी पकड़े जा चुके हैं फर्जी अधिकारी
दरभंगा पुलिस के इतिहास में यह पहला मामला नहीं है।
मिर्जापुर चौक पर तत्कालीन ट्रैफिक थाना अध्यक्ष कुमार गौरव ने एक फर्जी दरोगा को रंगे हाथ पकड़ा था।
विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक नकली दरोगा को गिरफ्तार किया था, जिसने दो युवकों की बाइक और मोबाइल ठगे थे।
एडीजी पंकज दारद के कार्यकाल में पुलिस ने एक नकली आईपीएस अधिकारी को गिरफ्तार किया था।
वहीं एसएसपी सत्यवीर सिंह के समय एपीएम थाना क्षेत्र से एक और नकली आईपीएस पकड़ा गया था।
न्यायिक हिरासत में भेजा गया आरोपी
थानाध्यक्ष हरेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपी से विस्तृत पूछताछ की गई है और रविवार को उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
दरभंगा पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या आरोपी किसी बड़े गिरोह से जुड़ा था या खुद ही इस अवैध वसूली के खेल को चला रहा था।








