मई,10,2024
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Darbhanga की बेटी KBC में Amitabh Bachchan के साथ बैठी हॉट सीट पर…मगर हार गई जिंदगी की जंग, नहीं रहीं बहादुपुर की बहादुर बेटी आरती

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मुख्य बातें: डरहार की बेटी केबीसी के हॉट सीट तक पहुंची आरती कुमारी का आकस्मिक निधन ● पिछले 5 वर्षों से कैंसर से जूझ रही थी आरतीपति घनश्याम कुमार झा, स्थानीय ओरिएंटल कॉलेज ऑफ एजुकेशन नामक बीएड कॉलेज दरभंगा में हैं सहायक प्राध्यापक

दरभंगा, देशज टाइम्स। किसी ने सच ही कहा है कि विधि के विधान के आगे इंसान का कुछ नहीं चलता है। बीती रात ऐसा ही हादसा बैंकर आरती के साथ हुआ। कभी केबीसी के हॉट सीट पर अमिताभ बच्चन के सामने पहुंची तो पूरा दरभंगा गौरवान्वित हुआ था।

बीती रात तकरीबन साढ़े दस बजे 38 वर्षीय आरती जिंदगी की जंग हार गई। पिछले 5 वर्षों से आरती कैंसर से जूझ रही थी। आरती का जन्म 31 जुलाई 1985 ई. में दरभंगा जिला के बहादुरपुर प्रखंड अंतर्गत शहर से सटे डरहार गांव में जयशंकर चौधरी के घर हुआ था। 5 भाई-बहनों में दोसर आरती बचपन से ही पढ़ने में मेधावी थी।

यही कारण था कि अपने पहले ही प्रयास में बैंक पीओ में उन्होंने सफलता अर्जित कर ली। इसी दरम्यान दरभंगा जिला के बेनीपुर प्रखंड के महिनाम गाँव के घनश्याम कुमार झा से उनकी शादी 22 मई 2011 ई. को हुई।

पति श्री झा दरभंगा में ही ओरिएंटल कॉलेज ऑफ एजुकेशन नामक बीएड कॉलेज, दरभंगा में सहायक प्राध्यापक हैं। उनका एकमात्र पुत्र ओम कुमार झा(10) है। बतौर बैंक पीओ उन्होंने अपना योगदान इंडियन ओवरसीज बैंक में दी। कटहलबाड़ी दरभंगा के बाद उनका तबादला सिमरी दरभंगा शाखा में हुआ।

प्रोन्नति मिलने के बाद पुनः उनका तबादला इंडियन ओवरसीज बैंक के रीजनल शाखा बनारस हो गया। तब से वो बनारस में ही रह रही थी। बनारस प्रवास के दौरान ही उन्हें पता चला कि वो कैंसर बीमारी से ग्रसित हो चुकी है।

तब से उनका लगातार कैंसर का इलाज चल रहा था। कीमोथेरेपी होने के उपरांत बीच में वो ठीक भी हो गयी थी। कैंसर से उबरने के बाद ही वो केबीसी में अपना भाग्य आजमायी। जिनमें उनका सेलेक्शन हुआ।

अमिताभ बच्चन ने भी उस समय आरती के हौसले व जज्बे की ऑन द स्क्रीन तारीफ की थी कि कैसे एक कैंसर पीड़ित केबीसी के चौखट तक पहुंची।पिछले कुछ दिनों से अचानक फिर से उनकी तबियत बिगड़ती ही जा रही थी, जिस वजह से पिछले कुछ दिनों से वो घर पर ही इलाजरत थी। जहां कल रात वो जिंदगी की जंग हार गयी। उनका अंतिम संस्कार आज गंगा तट पर बनारस घाट पर हुआ। जैसे ही यह खबर उनके डरहार गांव मे सुना तो पूरे गांव में मातम छा गया।

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