सतीश झा, बेनीपुर, देशज टाइम्स। अंचलाधिकारी भुवनेश्वर झा का स्थानांतरण अपने पैतृक विभाग में होने के बाद अंचल कार्यालय का हाल “दुविधा में दोनों गए माया मिली न राम” वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
ना तो नए पदाधिकारी पदभार ग्रहण करने के लिए आ रहे हैं और ना ही पुराने पदाधिकारी कार्यालय पहुंचकर कार्य निपटा रहे हैं। फलस्वरूप आम लोगों को सामान्य काम में भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, अंचल अधकारी भुवनेश्वर झा बिहार सरकार के सहकारिता संवर्ग के पदाधिकारी थे। सरकार ने नया नियम लागू करते हुए सभी गैर विभागीय पदाधिकारी को अपने मूल विभाग में वापस कर दिया है। और, राजस्व सेवा से जुड़े पदाधिकारियों का ही पदस्थापन अंचल अधिकारी के रूप में की गई है।
इसमें बेनीपुर भी शामिल है। बेनीपुर अंचल अधिकारी के रूप में सुरेंद्र कुमार का पदस्थापन सरकार की अधिसूचना के अनुसार की गई है। लेकिन, अधिसूचना जारी होने के बाद एक पखवारा के लगभग समय बीतने के बावजूद अभी तक वे योगदान देने के लिए नहीं पहुंचे हैं।
और, ना ही पूर्व अंचलाधिकारी भुवनेश्वर झा यहां से विरमित हुए हैं। सरकार की अधिसूचना में स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है 7 जुलाई तक सभी पदाधिकारी स्वत: निर्मित समझे जाएंगे। फलस्वरूप, अंचलाधिकारी पिछले 15 दिनों से कार्यालय आना बंद कर दिए हैं।
लेकिन, अपने आवास से ही पसंदीदा फाइलों का निपटारा कर रहे हैं। वैसे बेनीपुर के लिए यह कोई राजस्व विभाग के लिए पहला मामला नहीं है। पूर्व भूमि सुधार उप समाहर्ता चंदन कुमार सेवानिवृत्त होने के बावजूद 2 माह तक बेनीपुर में अपने आवास में बैठकर सरकारी फाइलों को वारा न्यारा करते रहे।
और, तो और अंचल अधिकारी भुवनेश्वर झा भी अपने पद स्थापना काल से ही विवादास्पद रहे हैं। जब निवर्तमान जिला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने इन्हें कर्तव्यहीनता के आरोप में बाढ़ राहत कार्य से अलग करते हुए अलीनगर के अंचलाधिकारी को पदस्थापना करते हुए उन्हें जिला मुख्यालय में बैठा दिया था। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि के अनुरोध पर पुनः उन्हें अंचलाधिकारी का पदभार दिया गया। और, विभागीय कार्य को लेकर हमेशा चर्चा में बने रहे।