आपको याद होगा दरभंगा का सरपंच दयानंद। वह पत्रकारनगर थाने के हत्थे चढ़ गया था। मामला शराब पीने और शराब की तस्करी से जुड़ा था लेकिन ताजा मामला पटना से जुड़ा है जहां एक सरपंच को सिनेमाई स्टाइल में दबोचा गया है। पढ़िए पूरी खबर
पटना में इन दिनों शराबियों की मौज दिख रही है। चाहे हाजत में शराब पीते पकड़े गए पुलिसकर्मियों के साथ कैदियों की ऐश का मामला हो या फिर कुछ और…मगर ताता मामला एक सरपंच की गिरफ्तारी से जुड़ा है। जहां, बिक्रम के वजीरपुर पंचायत के सरपंच मनीष कुमार, आजाद नगर दलित बस्ती में शराब के लिए आर्डर-आर्डर कर रहे थे। पढ़िए पूरा माजरा
जानकारी के अनुसार, बिक्रम के वजीरपुर पंचायत के सरपंच मनीष कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह आजाद नगर दलित बस्ती में शराब के लिए आर्डर-आर्डर कर रहे थे। इस दौरान शराब सेवन के आरोप में सरपंच की गिरफ्तारी चर्चा का विषय बना है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही शराब आया और सरपंच शराब का सेवन शुरू ही किए थे की किसी ने मद्धनिषेद विभाग को सूचना दे दिया। फिर क्या था डीएसपी दिलीप कुमार सिन्हा के नेतृत्व में बिक्रम थाने के आजाद नगर स्थित दलित बस्ती में रेड कर जाम छलका रहे सरपंच मनीष कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
सरपंच को बचाने के लिए खूब पैरवी -पैगाम का दौर चला लेकिन बात नहीं बनी। सरपंच का मामला काफी तूल पकड़ लिया है। चर्चा का बाजार गरम है की क्या घर-घर में शराब का कारोबार फल-फूल रहा हैं।
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