नवादा मंडलकारा में पदस्थापित कक्षपाल हरेंद्र दुबे के खिलाफ सोमवार को नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल होने को लेकर यह प्राथमिकी दर्ज (Nawada Mandalkara’s roomkeeper Harendra Dubey turned out to be fake) कराई गई है।
जय बाबा केदार..!
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काराधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय ने विभागीय निर्देश के आलोक में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसके बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2018 में आरोपित की कक्षपाल पद पर नियुक्ति हुई थी। प्रमाण पत्रों की जांच के बाद गत वर्ष नवंबर महीने में फर्जी पाए जाने के बाद विभाग ने कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। बहरहाल नगर थाना कांड संख्या 15/22 दर्ज कर ली गई है।
जानकारी के अनुसार, मनोचिकित्सक से इलाज का चिकित्सीय पुर्जा उपलब्ध कराते हुए कक्षपाल ने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया है। दर्ज प्राथमिकी के आलोक में कांड के अनुसंधानकर्ता पूरे मामले की छानबीन में जुट गए हैं। फिलहाल आरोपी कक्षपाल पुलिस की गिरफ्त से दूर बताए जा रहे हैं।
कक्षपाल हरेंद्र दुबे ने नियुक्ति के समय फर्जी प्रमाण पत्र विभाग को दिया था। बाद में सत्यापन के क्रम में पाया गया कि प्रमाण पत्र गलत है। इसके आलोक में कारा विभाग ने आरोप पत्र गठित कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। विभागीय अधिकारियों ने कहा कि फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल कक्षपाल हरेंद्र दुबे का यह कृत्य गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। इसके आलोक में काराधीक्षक ने कक्षपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गयी है।
बहाली से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर छानबीन की जा रही है। आर्मी से रिटायर होने के बाद नौकरी हासिल की थी। आरोपित बक्सर जिले के कृष्णा ब्रह्म थाना के ढकाईच गांव के रहने वाले हैं। औरंगाबाद में पहली पोस्टिंग हुई थी। सही तरीके से जांच की जाय तो एसे कई फर्जी मामले उजागर होंगे।