back to top
10 जून, 2024
spot_img

Bihar में फिर पंचायतों को मिलेगा Birth और Death Certificates बनाने का अधिकार?

spot_img
Advertisement
Advertisement

बिहार सरकार फिर पंचायतों को प्रमाण पत्र बनाने का काम सौंपेगी। 2023 में हटाया गया था पंचायत से यह अधिकार – अब फिर लौट सकता है! मुखिया महासंघ का दबाव, सरकार से मिली सहमति मगर सवाल यही, आशंका यही,फर्जीवाड़े और घुसपैठ के खतरे फिर कहीं ना बढ़ें?

Panchayat Level पर Birth-Death Certificate बनने का रास्ता साफ 

बिहार सरकार एक बार फिर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र (Birth-Death Certificate) बनाने का जिम्मा पंचायत स्तर (Panchayat Level) पर सौंपने की तैयारी में है। सरकार के इस यू-टर्न को लेकर अब राजनीतिक हलकों में सवाल उठने लगे हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार यह फैसला चुनावी लाभ और वोट बैंक को ध्यान में रखकर ले रही है।

2023 में प्रखंड स्तर पर हुआ था केंद्रीकरण

2023 में पंचायतों से अधिकार लेकर प्रमाण पत्र निर्माण का कार्य प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी (Block Statistics Officer) को सौंपा गया था। इसका उद्देश्य था भ्रष्टाचार, फर्जीवाड़े और अवैध नागरिकता निर्माण पर रोक लगाना होगा। उस समय राज्य सरकार ने माना था कि फर्जी प्रमाण पत्रों के माध्यम से घुसपैठियों को नागरिकता दी जा रही थी।

यह भी पढ़ें:  तेज धूप से सीधे तूफान में फंसेगा Bihar! कहर बरपाएगा मौसम! 23 जिलों में Orange, 11 में Yellow Alert! Bihar में 48 घंटे का तांडव तय, जानिए Darbhanga, Madhubani का हाल

बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ के दबाव में बदलाव

बिहार प्रदेश मुखिया महासंघ ने सरकार को 14 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा है। इनमें प्रमुख मांग: जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निर्माण का अधिकार पंचायतों को लौटाना प्रमुख है।महासंघ ने दावा किया है कि मुख्य सचिव ने मौखिक सहमति दे दी है और प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

राजनीतिक आरोप: वोट बैंक और फर्जी नागरिकता की कोशिश

विपक्षी दलों का आरोप है कि पंचायतों को यह अधिकार देना वोट बैंक मजबूत करने की रणनीति है। आशंका जताई जा रही है कि इससे फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिये फर्जी वोटर आईडी बन सकती है। बिहार में लंबे समय से बांग्लादेशी घुसपैठ (Illegal Bangladeshi Infiltration) का मुद्दा गरमाया रहा है।

  • बीजेपी समेत कई दलों का आरोप है कि सीमा पार से आए लोग पंचायतों में फर्जी दस्तावेज बनवा रहे हैं।

यह भी पढ़ें:  वर्दी वाली रिश्वत? पैसे लेती दिखी वर्दी! "पुलिस बनकर लूट!" –रिश्वतखोरी का LIVE आया सामने, ASI समेत तीन गिरफ्तार

सुविधा बनाम सुरक्षा: सरकार के सामने दोहरी चुनौती

पंचायत स्तर पर प्रमाण पत्र बनवाना ग्रामीणों के लिए सुलभ और सस्ता विकल्प माना जाता है। लेकिन इससे राष्ट्रीय सुरक्षा, डेटा पारदर्शिता और फर्जीवाड़े की आशंका भी बढ़ती है। राज्य सरकार के लिए संतुलन साधना चुनौतीपूर्ण है—एक तरफ सुविधा, दूसरी ओर सुरक्षा।

यह भी पढ़ें:  Bihar के 120 नए नगर निकायों में अब ग्रामीण नहीं, शहरी दर से वसूला जाएगा बिजली बिल

चुनाव से पहले लिया गया फैसला क्या जाएगा गलत संदेश?

बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में यह फैसला राजनीतिक दृष्टिकोण से संदिग्ध माना जा रहा है। यह देखा जाना बाकी है कि सरकार इस निर्णय को किस कानूनी और तकनीकी सुरक्षा उपायों के साथ लागू करती है। E-Governance आधारित प्रमाण पत्र प्रणाली का विकल्प भी चर्चा में है ताकि पारदर्शिता और निगरानी बनी रहे।

जरूर पढ़ें

9 जुलाई को BIHAR में चुनाव! 11 को आएंगे नतीजे, हर उम्मीदवार रहेगा रडार पर!

बिहार में पंचायत उपचुनाव की तारीख घोषित! 9 जुलाई को 38 जिलों में वोटिंग...

Bihar के 120 नए नगर निकायों में अब ग्रामीण नहीं, शहरी दर से वसूला जाएगा बिजली बिल

अब बिजली बिल में लगेगा झटका! बिहार के 120 नए शहरों में बढ़ेगी दर,...

पत्नी से अनबन, ‘मौत के बाद भी चैन नहीं!’ शव ले जाने पर हंगामा!

पत्नी से अनबन, 'मौत के बाद भी चैन नहीं!' मौत के बाद शव ले...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें