
अप्रैल माह के शुरूआती दो सप्ताह जिले मे पड़ी अत्यधिक गर्मी और तापमान 40 डिग्री के पार पहुंचने के कारण आम और लीची के फसल पर काफी दुष्प्रभाव पड़ा है। इस दौरान आम और लीची में लगे मंजरों के डंठल सूखने के कारण फलों की तादाद में 40 फीसदी की कमी देखने को मिल रही थी।
वही, अप्रैल के तीसरे सप्ताह में दो बार आयी आँधी और ओलावृष्टि ने बचे फलों पर भी भारी कुठाराधात किया है। जिस कारण इस बार चंपारण में आम के साथ लीची के फसल उत्पादन मे भारी गिरावट होने का अनुमान जताया जा रहा है।
आम और लीची उत्पादक किसान अजय सहनी ने बताया कि जिस प्रकार आम में मंजर आया था। उससे हम लोगों को उत्पादन बेहतर होने की उम्मीद थी लेकिन ज्योही मंजर में दाने आने शुरू हुए वैसे ही अत्यधिक गर्मी पड़ने से लगभग 40 फीसदी मंजर में लगे दाने सुखकर झड गये।
उन्होने बताया कि इसके लिए बागीचे मे सिंचाई और आवश्यक दवा का छिड़काव किया ही जा रहा था कि पूर्वा हवा के बाद गत एक सप्ताह के दौरान दो बार आंधी और ओलावृष्टि ने तीस फीसदी फलों को और नुकसान पहुंचा गया। किसानों ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पादन घटेगा जिससे आम और लीची इस बार महंगी हो सकती है।