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9 नवम्बर, 2024
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दरभंगा के CM College को मिले 7 नए शिक्षक, यूपी, जाले, मधुबनी, मुर्शिदाबाद और अररिया के रहने वाले सभी नए शिक्षकों का अनुभव है काफी लंबा

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मुख्य बातें
सीएम कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ.अनिल कुमार मंडल ने किया
नव आगंतुक सात शिक्षकों का स्वागत

प्रधानाचार्य ने सभी शिक्षकों को दी बधाई 
शुभकामना देते  विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव के प्रति जताया आभार
डॉ.अनिल कुमार ने कहा-सभी शिक्षक पूरी क्षमता, अनुभव से छात्रों, कॉलेज हित में निभाएं दायित्व
शिक्षकों ने पूरी शैक्षणिक, प्रशासनिक, सामाजिक व शोध-क्षमता के प्रदर्शन का दिलाया भरोसा

रभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। सीएम कॉलेज, दरभंगा के प्रधानाचार्य डॉ.अनिल कुमार मंडल ने कॉलेज में नवागंतुक शिक्षकों का स्वागत किया। कॉलेज को सात योग्य और कर्मठ शिक्षक (Darbhanga’s CM College got 7 new teachers) मिले हैं।

इन सात शिक्षकों का पुष्प से स्वागत करते हुए प्रधानाचार्य डॉ.मंडल ने सभी शिक्षकों से अपनी पूरी क्षमता एवं अनुभव से छात्रों एवं महाविद्यालय के हित में कार्य करने का आह्वान किया। कहा, ऐसे योग्य शिक्षकों को प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एस पी सिंह तथा कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद के प्रति आभारी हूं।

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उन्होंने सभी शिक्षकों को मिठाई खिलाकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनकी हौसला-अफजाई भी की। प्रधानाचार्य ने कहा कि व्यक्ति की पहचान उनके गुणों एवं कार्यों से होती है। सभी शिक्षक योग्य एवं क्षमतावान हैं। वे अपने शैक्षणिक, प्रशासनिक, सामाजिक एवं शोध-कार्यों से छात्र एवं कॉलेज हित में कार्य करें।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के एनएसएस कोऑर्डिनेटर डॉ. विनोद बैठा तथा महाविद्यालय के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. आर एन चौरसिया समेत मैथिली के शिक्षक डॉ. सुरेंद्र भारद्वाज, इतिहास के शिक्षक डॉ. संदीप कुमार व मुकेश कुमार रजक, अंग्रेजी के डॉ. सुब्रत कुमार दास, अर्थशास्त्र के मो. अबसार आलम, प्रशियन के डॉ. फैजान हैदर तथा समाजशास्त्र की शिक्षिका डॉ. रजनी सिंह आदि उपस्थित थे।

खजौली, मधुबनी के निवासी डॉ. सुरेंद्र भारद्वाज मैथिली में नेट व जेआरएफ के साथ ही मिथिला विश्वविद्यालय से पीजी एवं पीएचडी हैं, जिनकी आधा दर्जन से अधिक सेमिनारों में भागीदारी, एक पुस्तक तथा छह शोध आलेख प्रकाशित हैं। इनकी रूचि शैक्षणिक एवं प्रशासनिक के साथ ही शोध-कार्यों में भी है।

कादिराबाद, दरभंगा निवासी डॉ. संदीप कुमार इतिहास में जेआरएफ हैं जो पटना विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर तथा मिथिला विश्वविद्यालय से पीएच डी हैं। 8 से अधिक शोध आलेख प्रकाशन के साथ ही इनकी डेड दर्जन से अधिक सेमिनारों में भी भागीदारी रही है। इनकी प्रशासनिक एवं शोध-कार्यों में रुचि है।

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वाराणसी, यूपी निवासी डॉ. रजनी सिंह बीएचयू से स्नातकोत्तर, एम फिल तथा पीएच डी हैं, जिनकी 6 शोध आलेख प्रकाशित हैं तथा 75 से अधिक सेमिनारों में सहभागिता रही है। इनकी अध्ययन-अध्यापन के साथ प्रशासनिक व सामाजिक कार्यों में भी रुचि है।

मऊ, उत्तर प्रदेश निवासी डॉ. फैजान हैदर पर्शियन में जेआरएफ, जेएनयू से स्नातकोत्तर तथा बीएचयू से पीएच डी हैं। इनकी 50 से अधिक शोध आलेख तथा 20 से अधिक सेमिनारों में भागीदारी है। इनकी 5 पुस्तक प्रकाशित हैं, जिनकी शैक्षणिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में रुचि है।

अररिया, बिहार निवासी मुकेश कुमार रजक इतिहास में नेट तथा पटना विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर हैं, जिनकी 15 से अधिक सेमिनारों में सहभागिता एवं कई शोध आलेख प्रकाशित हैं। इनकी अध्ययन- अध्यापन के साथ ही खेलकूद में भी रूचि है। ये बिहार में कई जगह बीडीओ के पद पर भी कार्यरत रहे हैं।

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जाले, दरभंगा निवासी मो. अबसार आलम अर्थशास्त्र में नेट हैं तथा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर हैं। इनके 12 से अधिक शोध-आलेख एवं एक पुस्तक प्रकाशन के साथ ही उनकी दो सेमिनारों में सहभागिता रही है। इनकी रूचि अध्ययन- अध्यापन के साथ ही लेखन एवं शोध- कार्यों में है।

मुर्शिदाबाद, बंगाल निवासी डॉ. सुब्रत कुमार दास अंग्रेजी में नेट तथा मौलाना आजाद नेशनल विश्वविद्यालय, हैदराबाद से स्नातकोत्तर, एम फिल तथा पीएच डी हैं। इनकी 13 शोध आलेख प्रकाशित हैं, जबकि 13 सेमिनारों में भागीदारी है। इनकी रूचि शैक्षणिक एवं लेखन कार्यों में है।

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए महाविद्यालय के बर्सर डॉ. आरएन चौरसिया ने सभी शिक्षकों से अध्ययन-अध्यापन के साथ ही प्रशासनिक कार्यों में भी महाविद्यालय को पूर्ण सहयोग करने का आह्वान करते हुए कहा कि छात्रोयोगी कार्यों के संपादन से ही शिक्षकों की समाज में प्रतिष्ठा एवं पहचान होती है तथा उन्हें आत्मसंतुष्टि भी मिलती है।

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