बिहार में सीमांचल जिलों में सरकारी स्कूलों में शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी होने की कड़े शब्दों में आलोचना केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने की है। गिरिराज सिंह ने इसे शरिया कानून जैसा बताया है।
उन्होंने कहा कि देश के अंदर पहले इस तरह की बात उत्तर प्रदेश में आई और अब बिहार में सामने आया है। देश में कानून का राज होना चाहिए। देश में कानून के तहत आजादी के बाद से ही स्कूलों और ऑफिसों में रविवार को छुट्टी होती है। ऐसे में शुक्रवार की छुट्टी उचित नहीं है। यह एक संप्रदाय के लिए शरिया कानून के तहत है।
उल्लेखनीय है कि बिहार के सीमांचल जिलों के कई स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टी रविवार की जगह शुक्रवार को होती है। शुक्रवार को जिन स्कूलों में छुट्टी होती है उनमें ज्यादातर उर्दू स्कूल हैं।
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वहीं, उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा, बिहार में स्कूलों में शिक्षा विभाग के नियमानुसार ही अवकाश होगा। होली, दीपावली, दशहरा, ईद, बकरीद की तरह साप्ताहिक अवकाश का भी निर्णय नियमानुसार किया जाएगा। जिन स्कूलों में शुक्रवार या फिर अन्य दिनों में छुट्टी हो रही है, उसके कारणों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होगी।
वहीं, राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि सीमांचल के मुस्लिम बहुल इलाके के स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टी रविवार को न हो कर जुमा के दिन यानी शुक्रवार को होती है। भाजपा इसको बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। साफ जाहिर है कि भाजपा की नजरों में शिक्षा की गुणवत्ता महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण साप्ताहिक छुट्टी का दिन है। दरअसल भाजपा के लोगों को हर विषय को सांप्रदायिक नजरिये से ही देखने का प्रशिक्षण मिला हुआ है। शिवानंद ने कहा कि भाजपा के पढ़े-लिखे लोग भी इसको गंभीर मुद्दा बनाने की कोशिश में लगे हैं।
शुक्रवार को छुट्टी का जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने समर्थन किया है। बिहार में सवाल करने वालों को सलाह दी है कि वह जम्मू -कश्मीर में शुक्रवार की छुट्टी पर क्यों नहीं बोल रहे हैंद्ध हम के प्रधान महासचिव डॉ. दानिश रिजवान ने मदरसों में शुक्रवार की छुट्टी को लेकर कहा कि सरकार का एजेंडा बच्चों को शिक्षित करना है न कि राजनीति करनी है। अगर बच्चे शुक्रवार को स्कूल नहीं आ रहे, तो उस दिन क्लास बंद करके रविवार को खोला जा रहा है। जम्मू -कश्मीर की इस व्यवस्था पर कोई सवाल क्यों नहीं उठाता है।
भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कहा था कि सरकारी छुट्टियां धर्म को देखकर नहीं होती हैं। अगर ऐसा होता है तो यह घोर सांप्रदायिक निर्णय है। इस निर्णय को वापस लेना चाहिए, तो जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने संस्कृत स्कूलों के छुट्टी का कैलेंडर जारी कर ट्वीट किया कि इन स्कूलों में भी अष्टमी और प्रतिपदा को स्कूलों में छुट्टियां दी जाती हैं। कुशवाहा ने कैलेंडर जारी कर कहा कि बिहार का माहौल खराब करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है और जो नियम सरकार के बने हुए हैं उन पर किसी को बेवजह राजनीति नहीं करनी चाहिए।