नीतीश कुमार के एनडीए से बाहर होने और महागठबंधन में शामिल होने की स्थिति में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने भाजपा को खुलेआम बेनकाब करने की तैयारी में है। इसकी योजना बन गई है।
कारण, जदयू के पास छह से ज्यादा ऑडियो रिकॉर्डिग हैं। इससे जदयू यह साबित करेगा कि उसके विधायकों और मंत्रियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत करने के लिए बड़े-बड़े प्रस्ताव दिए गए थे। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि किस पार्टी और नेताओं ने जेडीयू के विधायकों को ऑफर दिए। इसका खुलासा जदयू की ओर से जल्द होने वाला है।
राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने रविवार को अपने बयान के दौरान ‘चिराग मॉडल’ की ओर इशारा किया था, जिसका इस्तेमाल एक खास पार्टी ने नीतीश कुमार और जदयू को कमजोर करने के लिए किया था।
इसके चलते जदयू पिछले विधानसभा चुनाव में केवल 43 सीटें जीत सकी थी। ललन सिंह ने दावा किया कि उनके पास नीतीश कुमार और जदयू के खिलाफ रची जा रही साजिश का सबूत है। ‘चिराग मॉडल’ सिर्फ एक ट्रेलर था, वास्तविक फिल्म बेहद लंबी है।
जदयू के पास छह से अधिक कॉल रिकॉर्डिग है, जिसे विधायकों ने खुद रिकॉर्ड किया है। उन कॉल रिकॉर्डिग में एक खास पार्टी के नेताओं ने उन्हें करोड़ों रुपये के अलावा मंत्री बनाने का आकर्षक ऑफर दिया है।
ऐसे में जदयू एक खास पार्टी का पदार्फाश करेगा। देश को कड़ा संदेश देंगे कि उनकी सरकार का सफाया करने की साजिश रची जा रही है। पार्टी के खिलाफ हो रही साजिश की वजह से ही नीतीश कुमार अपना फैसला बदल रहे हैं। यह कहा जाएगा कि उन्होंने जो कुछ भी किया वह अपनी पार्टी को बचाने के लिए किया।