दरभंगा। दरभंगा का सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल अब तक चालू नहीं हो सका है। इसको लेकर गुरुवार को एमएसयू ने एकदिवसीय धरना देते हुए सरकार और जनप्रतिनिधियों को लपेटे में लिया। कहा, चार साल पूर्व इसका उद्घाटन होना था, लेकिन आज तक ऐसा हो नहीं सका। हालात इतने बदतर हैं, करोड़ों की मशीन ख़राब हो (MSU’s big attack in Darbhanga) रही है।
सरकार और प्रतिनिधियों पर उठाए सवाल
मिथिला स्टूडेंट यूनियन के पूर्व दरभंगा जिलाध्यक्ष अभिषेक कुमार झा के नेतृत्व में दरभंगा के सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल को चालू करने को लेकर एकदिवसीय धरना हॉस्पिटल परिसर में दिया गया।
केंद्र सरकार की ओर से 120 करोड़ और राज्य सरकार की ओर से 30 की राशि से इस हॉस्पिटल का निर्माण 2020 में ही हो जाना था। लेकिन, प्रशासनिक लापरवाही के कारण 4 साल पूर्व तैयार हो जाने वाला हॉस्पिटल आज लोगों को मुंह चिढ़ाने का काम कर रहा है।
करोड़ों रुपए की मेडिकल इक्विपमेंट ख़राब हो चुकी हैं। बिल्डिंग बनाने का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है। इसके पीछे भी सरकार में बैठे वो लोग शामिल हैं, जो प्राइवेट हॉस्पिटल से करोड़ों रुपया कमाने का काम करते हैं। इन माफियाओ को ये मालूम है अगर यह हॉस्पिटल चालू हो जाएगा तो इन प्राइवेट हॉस्पिटल के करोड़ों के बिल्डिंग का क्या होगा।

इसके कारण दरभंगा एम्स की तरह इसमें भी लेट लतीफी किया जा रहा है। लेकिन, मिथिला स्टूडेंट यूनियन इस चीज को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। आगे इसके लिए और भी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
आज डीएमसीएच के स्थिति किसी से छुपी नहीं है। लोगों को क्या स्वास्थ्य व्यस्था मिल रही है, यह किसी से छुपा नहीं है। दरभंगा एम्स का शिलान्यास कब होगा। बनेगा कबञ यह किसी को मालूम नहीं है। ऐसे में, दरभंगा के इस सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल का चालू हो जाना आम लोगों को काफी सहूलियत देगा।
लोग कम पैसा में अपना अच्छा इलाज करवा सकेंगे, लेकिन स्थानीय प्रतिनिधि और सरकार का मंशा बता रहा हैं कि यह अभी चालू होने वाला नहीं है। क्या सरकार का काम सिर्फ घोषणा करना और पैसा जारी करना होता हैं या उस काम को पूरा करना होता हैं लेकिन यहां सिर्फ और सिर्फ घोषणा हो रहा है। लेकिन, हॉस्पिटल चालू नहीं किया जा रहा है।
हम इसी के विरोध में आज आवाज उठाने का काम कर रहे हैं। आगे और मजबूती से लड़ाई लड़ने का काम करेंगे। धरना सुपर स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल के आगे दिन के 11 बजे से शुरू किया गया।
आंदोलनकारियो से वार्ता करने के लिए डीएमसीएच अधीक्षक पहुंचे। सभी मांगें पूरा करने का आश्वासन दिया। हमारी मांग हैं कि आपातकालीन वार्ड को वर्तमान परिस्थिति/मरीजों की संख्या के मद्देनजर आधारभूत संरचना को सुदृढ़ किया जाय।आपातकालीन कक्ष के विल्कुल समीप पैथोलॉजोकल जांच, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी, सिटी स्कैन, एमआरआइ आदि व्यवस्था मरीजों के हित में चौबीस घंटे का प्रबंध किया जाय।सभी प्रकार के प्रायोगिक लैब को कंप्यूटराईज किया जाए।
आपातकालीन वार्ड में हरेक विभाग के वरीय चिकित्सकों की उपस्थिति चौबीस घंटे सुनिशिचत किया जाय। उत्तर बिहार के अधिसंख्य जिलों के दुर्घटना ग्रस्त, मारपीट, आगलगी, जहरीला पदार्थ, ब्रेन हेमरेज, लकवा, हुदय रोग से ग्रसित होकर आने वाले मरीजों के सुलभ चिकित्सा के लिए ट्रॉमा सेन्टर की स्थापना किया जाय।
डीएमसीएच में अविलंब वैंटीलेटर को चालू कर आईसीयू में बेडों की संख्या बढ़ाई जाय। चिकित्सक चिकित्सा कर्मी अस्पताल प्रबंधन, बिजली, नगर निगम, पीएचईडी, भवन निर्माण विभाग इन सभी के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक उत्प्रेरक कों नामित किया जाय, जो सभी के बीच बेहतर ताल-मेल स्थापित करेंगे।
साथ ही, समय-समय पर समीक्षा के लिए बैठक का आयोजन करेंगे।डी0एम0सी0एच0 में भर्ती मरीजों के अनुरूप शौचालय, शुद्ध पानी, साफ-सफाई, रसोई घर, ट्रॉली, जेनरिक दवा की दुकान के अलावे परिजनों के बैठक की व्यवस्था किया जाय।हरेक वार्ड में भर्ती होने वाले मरीज तथा अन्य मरीज के जांच की व्यवस्था चौबीस घंटा किया जाय।
डीएमसीएच के अन्दर व्यापक गंदगी को स-समय पर सफाई तथा उसे विनष्ट करने की उचित व्यवस्था किया जाय।कम-से-कम पांच बेड लावारिस मरीज के लिए अलग से व्यवस्था किया जाय। कैंसर वार्ड को अविलंब निर्माण कार्य पूरा कर चालू किया जाय।
डीएमसीएच में उपलब्ध उपकरण की देख-भाल के लिए एक तकनीकी टीम बनाई जाए, ताकि उसे नष्ट होने से बचा सके और उसका उपयोग रोगी के हित में हों। डीएमसीएच के कैम्पस के चारों ओर चहारदीवारी का निर्माण किया जाय।
डीएमसीएच के आउट डोर से ठीक पश्चिम गेट पर पांच एकड़ जमीन जो अतिक्रमित है उसे मुक्त करवाई जाए।
आंदोलन में एमएसयू के नीरज भारद्वाज, अनीश चौधरी, रोहित तिवारी, अर्जुन कुमार, सोनू कुमार, अभिजीत भारद्वाज समेत कई और लोग उपस्थित रहे।
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