

दरभंगा, विधि संवाददाता देशज टाइम्स ब्यूरो। दरभंगा पोक्सो एक्ट की विशेष अदालत ने उस दुष्कर्मी को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है जो बच्ची को पढ़ाने के बहाने उसके शरीर को लहूलुहान करते हुए दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। ट्यूशन पढ़ाने के बहाने बच्ची की जिंदगी तार-तार करने के मामले में कोर्ट ने करीब चार साल बाद सजा सुनाते हुए दुष्कर्मी हाफिज मजिबूर रहमान को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। पढ़िए पूरी खबर
जानकारी के अनुसार, पोक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर की अदालत ने मंगलवार को हाफिज मजिबुर रहमान को आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही पचास हजार रुपए अर्थदंड की भी सजा सुनाई है। दरिंदा रहमान ने नौ वर्ष की बच्ची के साथ ट्यूशन पढ़ाने के दौरान दरिंदगी की हद पार करते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया था।
जानकारी के अनुसार, दोनों पक्षों का बहस पश्चात अदालत ने अभियुक्त को भादवि की धारा 376 तीन आजीवन सश्रम कारावास और जुर्माना पचास हजार रुपया, नहीं देने पर छह महीनें का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।
पांक्सो 6 में 25 वर्ष का कारावास और जुर्माना पचास हजार रुपया, नहीं देने पर छह महीनें का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने प्रतिकर योजना के तहत छह लाख रुपया जिला विधिक सेवा प्राधिकार दरभंगा के माध्यम से मिलेगा। अर्थदंड का भी पचास हजार रुपया पीड़ित को देना होगा। अभियुक्त घटना के समय से ही काराधीन है।
स्पेशल पीपी अमर प्रकाश ने बताया कि 17 जुलाई 2018 की शाम बच्ची को ट्यूशन पढ़ाने के समय दुष्कर्म करने लगा। बच्ची के चिल्लाने पर जब उसकी मां आई तो दुष्कर्मी भाग गया। खून से लथपथ बच्ची को हायाघाट पीएससी में भर्ती कराया गया जहां से डीएमसीएच दरभंगा भेज दिया गया।
इस जधन्य दुष्कर्म की प्राथमिकी 18 जुलाई 2018 को हायाघाट थाना में कांड संख्या 70/2018 दफा 376,4/6पॉक्सो एक्ट सहित अन्य भादवि में दर्ज की गई। इसका जीआर केस -31/2018 है।
इस मामले में बारह अक्टूबर 2018 को संज्ञान लिया गया। वहीं, पांच नवंबर 2018 को आरोप गठन कर अभियोजन की ओर से आठ गवाहों की गवाही और बारह दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किया गया।








