back to top
17 अगस्त, 2024
spot_img

बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा पर कोरोना इफैक्ट, रजिस्ट्रेशन कराया मगर एक लाख छात्रों ने नहीं भरे फॉर्म, पढ़िए पूरी खबर

आप पढ़ रहे हैं दुनिया भर में पढ़ा जाने वाला Deshaj Times...खबरों की विरासत का निष्पक्ष निर्भीक समर्पित मंच...चुनिए वही जो सर्वश्रेष्ठ हो...DeshajTimes.COM
spot_img
Advertisement
Advertisement

कोरोना संक्रमण का असर मैट्रिक परीक्षा पर भी दिख रहा है। इस बार जितने विद्यार्थिर्यों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, उससे एक लाख से अधिक छात्र मैट्रिक परीक्षा में शामिल नहीं होंगे।

मैट्रिक परीक्षा 2022 के लिए प्रदेश भर से कुल 17 लाख 49 हजार 187 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन इसमें 16 लाख 48 हजार 894 ने ही परीक्षा फॉर्म भरा है। जबकि बोर्ड द्वारा कई बार परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि भी बढ़ाई गयी।

मुजफ्फरपुर और मधुबनी में भी काफी अंतर 

मुजफ्फरपुर जिला से 81 हजार 289 परीक्षार्थी ने मैट्रिक के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन इसमें 67 हजार 794 परीक्षार्थियों ने ही परीक्षा फॉर्म भरा है। वहीं मधुबनी जिले से 72 हजार 550 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया, लेकिन इसमें मात्र 60 हजार 453 परीक्षार्थियों ने ही परीक्षा फॉर्म भरा है। यहीं स्थिति सीतामढ़ी की है। सीतामढ़ी में 57653 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया, लेकिन 45748 छात्रों ने परीक्षा फॉर्म भरा है। ये वो जिलें है जहां पर अंतर दस हजार से अधिक है।

छात्रों ने 2020 में करवाया था रजिस्ट्रेशन 

जिन छात्रों को 2022 में परीक्षा देनी थी उन्होंने 2020 में रजिस्ट्रेशन करवाया था। बोर्ड की मानें तो यह स्थिति हर जिल की है। पटना जिला की बात करें तो 73834 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। लेकिन 66539 परीक्षार्थियों ने ही फॉर्म भरे हैं।

जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा भी परीक्षा फॉर्म भरवाने की कोशिश की गयी। इसके बावजूद छात्रों ने फॉर्म नहीं भरा। रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फॉर्म में इस बार एक लाख 293 परीक्षार्थी का अंतर है। इतना अधिक अंतर कई सालों के बाद इस बार हुआ है। सबसे ज्यादा अंतर पूर्वी चंपारण में है। पूर्वी चंपारण में 88 हजार 346 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन परीक्षा फॉर्म 73 हजार 417 छात्रों ने ही करवाया है।

जरूर पढ़ें

Bihar में Triple Murder! 2 युवकों के चेहरे पर गोलियां दागी, तीसरे की घर में हत्या

चेहरे छलनी, खून से सनी रात, अपराधियों का तांडव। दहशत, हड़कंप, गोलियों की गूंज।...

खिरोई और बागमती लौट आओ फिर से धरा पर– 40 साल, पहली बार, ऐसी ‘रुसवाई’- ‘रुख’ मोड़ लिया कैसा -किसानी छोड़ देंगे ‘हम’

स्पेशल स्टोरी- आंचल कुमारी। सावन-भादो में सूखी खिरोई नदी! किसान बोले – 40 साल...
error: कॉपी नहीं, शेयर करें