बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के भीतर जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून लाने की केंद्र की योजना को लेकर मतभेद सामने आ चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था, कानून बनाए जाने से जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी बल्कि इसे सिर्फ महिलाओं और लड़कियों को शिक्षित करके हासिल किया जा सकता है। एनडीए (NDA) के सहयोगी दलों के बीच भी इस योजना को लेकर मतभेद है। अब, अग्निपथ पर दोनों दलों यानी पूरी बिहार की सरकार दो पाटों में है। बंटकर खंड-खंड दो भाषा बोल रही है।
वैसे, बिहार में राजनीतिक पार्टियों (political parties of Bihar) ने भी अपना स्टैंड क्लीयर कर दिया है। जेडीयू, हम, आरजेडी, वीआईपी, एलजेपी (रामविलास) छात्रों के समर्थन में दिख रही है, वहीं, बीजेपी इस मुद्दे पर अकेली नजर आ रही है। सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की पार्टी जेडीयू ने केंद्र सरकार से अग्निपथ योजना पर पुनर्विचार की मांग की है।
बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सीधे कहा,
बिहार में प्रशासन सुस्ती के साथ आंदोलन से निपट रही है।वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी (Rajya Sabha member Sushil Modi) ने बिहार सरकार से बड़ी मांग कर दी है। वहीं, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पुनर्विचार की मांग के साथ सामने खड़े हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former Chief Minister Jitan Ram Manjhi), पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (Former Minister Mukesh Sahni), जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के सुर बिल्कुल ही अलग हैं। पढ़िए पूरी खबर
केन्द्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में मचे बवाल के बीच इसे लेकर नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गयी है। एनडीए के दलों के बीच ही शुक्रवार को इस मुद्दे पर मतभेद देखने को मिल रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल के बेतिया आवास पर हमले के बाद उन्होंने इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार ठहराया है।
प्रदेश अध्यक्ष का कहा कहना है कि प्रशासन बिहार में सुस्ती के साथ आंदोलन से निपट रही है। संजय जायसवाल ने कहा है कि उनके घर को उड़ाने की पूरी साजिश रची गई थी। उन्होंने इसके लिए प्रशासन को जिम्मेवार बताते हुए कहा है कि प्रशासन की ओर जिस तरह की कार्रवाई होनी चाहिए थी उस तरह की कार्रवाई प्रशासन के तरफ से नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि जो भी घटनाएं हो रही हैं वह दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
केंद्र सरकार को अग्निपथ स्कीम पर स्पष्टता लानी चाहिए: ललन सिंह
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने केंद्र सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। ललन सिंह ने कहा है कि मौजूदा विवाद के लिए जिम्मेदार केन्द्र सरकार दोषी है। केंद्र सरकार को अग्निपथ स्कीम पर स्पष्टता लानी चाहिए।ललन सिंह ने शुक्रवार को एक वीडियो जारी कर कहा है कि केन्द्र सरकार की अग्निपथ योजना लागू करने के साथ बिहार समेत देश के अन्य राज्यों के छात्रों में असंतोष का भाव उभरा है। जगह-जगह पर अहिंसक घटना देखने को मिल रही है। इसपर सरकार को संज्ञान लेना चाहिए। इसके साथ इसपर पुर्नविचार करना चाहिए। अगर ऐसा संभव नहीं हो तो काम से काम छात्रों को दिलासा दिलाना चाहिए कि इस फैसले से उनके करियर पर इसका कोई प्रतिकूल असर नहीं होगा।
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंंह ने वीडियो में कहा है कि केंद्र सरकार को अग्निपथ योजना पर विचार करना चाहिए। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है कि “अग्निपथ योजना से बिहार सहित देश के अन्य राज्यों के छात्रों एवं युवाओं में असंतोष का भाव उभरा है। जगह-जगह हिंसक घटनाएं हो रही हैं, केंद्र सरकार को अविलंब संज्ञान लेकर पुनर्विचार करना चाहिए। छात्रों-युवाओं को आश्वस्त करना चाहिए कि उनके भविष्य पर इसका कोई प्रतिकूल असर नहीं होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former Chief Minister Jitan Ram Manjhi) ने इस योजना को राष्ट्रहित एवं युवा हित के लिए खतरनाक बताया है तो वहीं, दूसरी ओर जेडीयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र सरकार से पुनर्विचार करने की मांग की है।
एनडीए के पूर्व सहयोगी और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (Former Minister Mukesh Sahni) ने बीजेपी की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर विरोध हो रहा है तो प्रदर्शनकारियों से बात करनी चाहिए। चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने भी इस योजना को वापस लेने की मांग की है। वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी (Rajya Sabha member Sushil Modi) ने बिहार सरकार से बड़ी मांग कर दी है।
सुशील मोदी ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कई राज्यों की सरकारों ने अग्निवीरों को केंद्रीय सशस्र पुलिस बल और अन्य सेवाओं में प्राथमिकता देने की घोषणा की है। बिहार सरकार को भी ऐसी पहल करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने युवाओं से अपील की है कि वे किसी के बहकावे में आकर सेना की अग्निपथ भर्ती योजना के विरुद्ध आगजनी और राष्ट्रीय संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का काम न करें।
साथ ही उन्होंने छपरा के भाजपा विधायक डॉ. सीएन गुप्ता के घर पर हमला, वारसलीगंज की विधायक अरुणा देवी की गाड़ी हमला, नवादा और मधुबनी में भाजपा कार्यालय में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं की कड़ी निंदा की है।उन्होंने कहा कि सेना में भर्ती के इच्छुक युवाओं की आड़ में सक्रिय असामाजिक तत्वों पर प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
एलजेपी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने अग्निपथ योजना को वापस लेने के लिए रक्षा मंत्री को पत्र लिखा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और उनकी पार्टी आरजेडी ने भी इस योजना का विरोध किया है।
शुक्रवार को नालंदा पहुंचे बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि जानकारी पूरी होने पर लोग इस योजना की तारीफ करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर छात्रों को इस योजना को लेकर कोई आपत्ति है तो वे अपना सुझाव भी दे सकते हैं। इससे पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने सरकार कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अग्निवीरों को केंद्रीय सशस्त्र बल समेत अन्य सेवाओं में प्राथमिकता देने की बात कही है। बिहार सरकार को भी इसके लिए पहल करनी चाहिए।
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