भारतीय कुश्ती संघ(WFI) का नए अध्यक्ष संजय सिंह के चुने जाने के बाद से बवाल में नया मोड़ आ गया है। अब सीधे खेल मंत्रालय की इंट्री हो गई है जहां हाल ही में चुने गए भारतीय कुश्ती संघ (WFI) पर केंद्र सरकार ने (Sports Ministry canceled recognition of WFI along with President Sanjay Singh) बड़ा एक्शन किया है।
खेल मंत्रालय ने पूरी फेडरेशन को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है। वहीं WFI अध्यक्ष संजय सिंह समेत सभी सदस्यों को भी निलंबित कर दिया है। इस आदेश में संजय सिंह की ओर से जारी सभी आदेशों पर रोक लगा दी गई है। पढ़िए पूरी खबर
नवनिर्वाचित WFI अध्यक्ष संजय सिंह को उनके पद से निलंबित कर दिया है। खेल मंत्रा लय ने नोटिस जारी करके फेडरेशन को को अगले आदेश तक अपनी सभी गतिविधियां निलंबित करने का निर्देश दिया है।
खेल मंत्रालय ने कहा कहा कि संजय कुमार सिंह ने 21 दिसंबर को घोषणा की कि जूनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं इस साल के अंत से पहले शुरू होंगी। यह नियमों के खिलाफ है। कम से कम 15 दिन के नोटिस की जरूरत है ताकि पहलवान तैयारी कर सकें।
खेल मंत्रालय ने आगे कहा, “इस तरह के निर्णय कार्यकारी समिति द्वारा लिए जाते हैं, जिसके समक्ष एजेंडा को विचार के लिए रखा जाना आवश्यक होता है। डब्ल्यूएफआई संविधान के अनुच्छेद XI के अनुसार बैठक के लिए 15 दिन पहले नोटिस देना अनिवार्य होता है। यहां तक कि आपातकालीन बैठक के लिए भी न्यूनतम नोटिस अवधि 7 दिनों की होती है।
जानकारी के अनुसार, भारतीय कुश्ती संघ के हाल ही में चुनाव संपन्न हुए थे। इसमें बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को जीत मिली थी। और, पहलवान अनीता श्योराण की हार हुई थी। इसके बाद महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संयास ले लिया था।
उन्होंने कहा था कि बृजभूषण जैसा ही कोई दूसरा अब कुश्ती संघ का अध्यक्ष बन गया है। इसके अलावा संजय सिंह के चुने जाने के बाद बजरंग पूनिया ने भी प्रधानमंत्री आवास के सामने अपना पद्मश्री रख दिया था और एक चिट्ठी भी लिखी थी।
ऐसे में, पहलवानों की मांग को देखते हुए अब सरकार ने नए कुश्ती संघ को निलंबित कर दिया है। खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को रद करते हुए संजय सिंह की ओर से लिए गए सभी फैसलों पर भी रोक लगा दी है। खेल मंत्रालय ने अगले आदेश तक किसी भी तरह की गतिविधि पर रोक लगा दी है। WFI को लेकर दिए गए निर्देश में कहा गया है कि ऐसा लगता है मानो पुराने पदाधिकारी ही सभी फैसले ले रहे हैं।
खेल मंत्रालय ने अपने आदेश में WFI को रद्द करने की वजह बताते हुए कहा है कि नए अध्यक्ष 21 दिसंबर को चुने गए, उसके तुरंत बाद उन्होंने गोंडा में अंडर-15 और अंडर-20 वर्ग की साल खत्म होने से पहले नेशनल प्रतियोगिताओं की घोषणा कर दी। यह घोषणा जल्दबाजी में की गई है, प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले पहलवानों को इसकी न पर्याप्त सूचना दी गई और न ही WFI के संविधान के प्रावधानों का पालन किया गया।
संजय सिंह को बृजभूषण शरण सिंह का आदमी बताने का जो आरोप साक्षी मालिक और बजरंग पुनिया ने लगाया है, उसे भी खेल मंत्रालय ने माना है। खेल मंत्रालय का कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि नवनिर्वाचित निकाय खेल संहिता की पूरी तरह अनदेखी करते हुए पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण में है। फेडरेशन का कारोबार पूर्व पदाधिकारियों द्वारा नियंत्रित परिसर से चलाया जा रहा है। खिलाड़ियों की ओर से यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गए हैं। अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है।