केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5जी स्पेक्ट्रम (5G Spectrum) की नीलामी के तौर-तरीकों को मंजूरी दी. इसके तहत 72097.85 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई माहीने के अंत तक की जाएगी।
आधिकारिक विज्ञप्ति में
बुधवार को यह जानकारी दी गई। मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र, कृषि, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में उपयोग वाली नए दौर की एप्लिकेशन मसलन मशीन से मशीन संचार, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT), आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (AI) में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए ‘निजी उपयोग वाले नेटवर्क’ की स्थापना और विकास को मंजूरी देने का भी निर्णय किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार विभाग के स्पेक्ट्रम नीलामी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके माध्यम से सफल बोलीदाताओं को जनता और उद्यमों को 5जी सेवाएं प्रदान करने के लिए स्पेक्ट्रम सौंपा जाएगा।मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र, कृषि, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में उपयोग वाली नए दौर की एप्लिकेशन मसलन मशीन से मशीन संचार, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), कृत्रिम मेधा (एआई) में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए ‘निजी उपयोग वाले नेटवर्क’ की स्थापना और विकास को मंजूरी देने का भी निर्णय लिया।
रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स
और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की घोषणा को भारतीय दूरसंचार के लिए एक नए युग की शुरुआत करार दिया। दूरसंचार क्षेत्र में सुधारों को गति देते हुए मंत्रिमंडल ने स्पेक्ट्रम नीलामी से संबंधित कई विकासशील विकल्पों की भी घोषणा की है जो कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देंगे।
इसमें कहा गया, ‘‘सफल बोलीदाताओं को अग्रिम भुगतान करने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी, ऐसा पहली बार हो रहा है। स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान 20 बराबर सालाना किस्तों में किया जाएगा और ये अग्रिम किस्तें प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में देनी होगी। इसके अलावा बोलीदाताओं को 10 वर्ष के बाद स्पेक्ट्रम वापस करने का विकल्प भी दिया जाएगा।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार 20 साल की वैधता अवधि के साथ कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी इस साल जुलाई अंत तक शुरू हो जाएगी। सरकार ने 9 स्पेक्ट्रम की नीलामी की योजना बनाई है। इसमें 600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड की नीलामी होगी।
डिजिटल कनेक्टिविटी
अपने प्रमुख कार्यक्रमों जैसे डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, मेक इन इंडिया आदि के माध्यम से सरकार की नीतिगत पहलों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। ब्रॉडबैंड, विशेष रूप से मोबाइल ब्रॉडबैंड, नागरिकों के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। 2015 के बाद से देश भर में 4जी सेवाओं के तेजी से विस्तार के माध्यम से इसे एक बड़ा बढ़ावा मिला है। 2014 में दस करोड़ ग्राहकों की तुलना में आज 80 करोड़ ग्राहकों की ब्रॉडबैंड तक पहुंच है।
ऐसी नीतिगत पहलों के माध्यम से सरकार अंत्योदय परिवारों तक मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन शिक्षा, टेलीमेडिसिन, ई-राशन आदि तक पहुंच को बढ़ावा देने में सक्षम हुई है।
20 साल की होगी वैलिडिटी
विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्पेक्ट्रम नीलामी का दूरसंचार विभाग का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है, इसके तहत जनता और उद्यमों को 5जी सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सफल बोलीदाताओं को स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा। सरकार 20 वर्ष की वैधता वाले कुल 72097.85 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की जुलाई माह के अंत तक नीलामी करेगी। इसके अलावा विभिन्न निम्न, मध्यम और उच्च फ्रिक्वेंसी बैंड के लिए भी स्पेक्ट्रम नीलामी की जाएगी।
देश में बनाया गया 4जी इकोसिस्टम अब 5जी स्वदेशी विकास की ओर ले जा रहा है। भारत के 8 शीर्ष प्रौद्योगिकी संस्थानों में 5जी टेस्ट बेड सेटअप भारत में घरेलू 5जी तकनीक के लॉन्च को गति दे रहा है। मोबाइल हैंडसेट, दूरसंचार उपकरणों के लिए पीएलआई (उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन) योजनाएं और भारत सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत से भारत में 5जी सेवाओं के शुभारंभ के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है। वह समय दूर नहीं जब भारत 5जी तकनीक और आने वाली 6जी तकनीक के क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में उभरने वाला है।
स्पेक्ट्रम पूरे 5जी इको-सिस्टम का एक अभिन्न और आवश्यक हिस्सा है। आगामी 5जी सेवाओं में नए युग के व्यवसाय बनाने, उद्यमों के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने और नवीन उपयोग-मामलों और प्रौद्योगिकियों की तैनाती से उत्पन्न होने वाले रोजगार प्रदान करने की क्षमता है।
टेलीकॉम सेक्टर में सुधारों को गति देते हुए मंत्रिमंडल ने स्पेक्ट्रम नीलामी से संबंधित कई विकासशील विकल्पों की भी घोषणा की है जो कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देंगे। इसमें कहा गया कि सफल बोलीदाताओं को अग्रिम भुगतान करने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी, ऐसा पहली बार हो रहा है। स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान 20 बराबर सालाना किस्तों में किया जाएगा और ये अग्रिम किस्तें प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में देनी होगी। इसके अलावा बोलीदाताओं को 10 वर्ष के बाद स्पेक्ट्रम वापस करने का ऑप्शन भी दिया जाएगा।
यह उम्मीद की जाती है
कि मिड और हाई बैंड स्पेक्ट्रम का उपयोग दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा गति और क्षमता प्रदान करने में सक्षम 5जी प्रौद्योगिकी-आधारित सेवाओं को रोल-आउट करने के लिए किया जाएगा, जो वर्तमान 4जी सेवाओं के माध्यम से संभव की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक होगा।