

दरभंगा। जिला आपदा प्रबंधन विभाग में प्रोग्रामर के पद पर कार्यरत करीब तीस वर्षीय कुमारी विशाखा उर्फ निधि की रहस्यमयी मौत आपको याद होगा ही। जब पूरा महकमा समेत पुलिस प्रशासन सकते में आ गया था। अब, पीएसआई लक्ष्मी कुमारी की रहस्यमयी मौत से सब अवाक हैं। दोनों सुसाइड में कई बातें ऐसी कॉमन है जो हमें चौंकाती हैं। पढ़िए पड़ताल करती यह रिपोर्ट

दोंनो खुदकुशी के तरीके से भी परेशानी बढ़ी है। वहीं, कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। आखिर किससे बात करते-करते कुमारी विशाखा मौत की फांसी पर झूल गई। और अब, वह कौन था जिससे बात करती कान में इयरफोन और दूसरे में पिस्टल लेकर सदा के लिए सो गई लक्ष्मी।
आखिर क्यों इतनी खुशमिजाज दोनों युवती ने खुदकुशी का रास्ता चुना। पहली घटना में लहेरियासराय थाना क्षेत्र के बलभद्रपुर मोहल्ले किराए के मकान में चौथी मंजिल पर विशाखा ने आत्महत्या कर ली। आखिर इसके पीछे का आई लव यू कनेक्शन क्या था और किससे जुड़ा था। अब यही बात दबी जुबान में लक्ष्मी के बारे में भी लोग बोल रहे हैं।
ऐसे कई सवाल हैं जो अब भी विशाखा की मौत से लेकर लक्ष्मी की मौत तक अनसुलझी है। इधर, दोनों ही मामलों में घटना के बाद से आसपास के इलाके में सनसनी फैली। पुलिस ने दोनों ही केस में शव को कब्जे में लेकर पोस्टमर्टम के लिए भेज दिया। साथ ही दोनों ही मामलों की जांच चल रही है। पर, विशाखा की जांच के बारे में कहीं कोई हलचल नहीं है।

कुमारी विशाखा पटना कदम कुंआ थाना क्षेत्र की रहने वाली थी। पिछले साल ही उसकी शादी एक दिसंबर को पटना सिटी के रहने वाले रितेश दत्त से हुई थी। सवाल यह है, क्या विशाखा अपने पति से खुश नहीं थी या फिर वह किसी और को चाहती थी।
घटना वाले दिन उसने अपने मां तक का फोन नहीं उठाया। समाहरणालय से ड्यूटी कर डेरा आई और फंदे झूल गई मगर उससे पहले विशाखा के विस्तर पर तकिए के सहारे एक स्क्रैच की हुई तस्वीर और उस पर खून से आई लव यू लिखा जाना कई सवाल खड़े करते हैं।
वहीं, विशाखा के कान में एयरफ़ोन लगा रहना यानी खुदकुशी से पहले उसका किसी से बातचीत और फिर आईलव यू कहते यूं अलविदा हो जाना कई सवाल खड़े कर रहे थे।
मौके पर पुहंची पुलिस को शव के पास से एक लड़के का पेपर-पैड पर स्क्रैच बरामद हुआ है। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर परिजनों को घटना की सूचना दी। सवाल है, क्या यह तस्वीर पति की थी या फिर कोई और है इस खुदकुशी के पीछे का लव….?
अब आइए लक्ष्मी कुमारी के केस पर नजर डालें। लक्ष्मी ने आत्महत्या की है या उसके साथ कोई घटना हुई है यह अभी तक पता नहीं चल सका है। यदि उसने आत्महत्या की है तो क्यों की है। यह सवाल अभी भी कायम है। आईजी अजिताभ कुमार ने उसके पिता से पूछताछ की। वे घटना के किसी कारण को तत्काल नहीं बता पाए।
पिता ने बताया कि लक्ष्मी काफी लगनशील थी। वह अपने काम से काफी खुश रहती थी। उसको किसी से कोई शिकायत नहीं थी। इससे विशेष उन्हें कुछ जानकारी नहीं थी। साथ काम करने वाले पुलिसकर्मी भी कुछ स्पष्ट नहीं बता पा रहे थे। हालांकि पुलिस एसोसिएशन के सचिव विपुल सिंह ने घटना का कारण काम का दबाव होने का अंदेशा जताया है। लेकिन यह बात कहां तक सही है यह जांच के बाद ही पता चल सकेगा।
महिला पीएसआई के आत्महत्या की जानकारी मिलने पर कई स्थानीय लोग भी वहां जुट गए थे। सभी लोग घटना को लेकर दुख व्यक्त कर रहे थे। वहीं कुछ लोग इसे प्रेम प्रसंग से भी जोड़कर देख रहे थे। साक्ष्य भी कुछ ऐसा ही इशारा कर रहा था क्योंकि पीएसआई के शव के पास उसका ईयरफोन एवं मोबाइल पड़ा हुआ था। लोगों को लग था कि देर रात किसी से बात करने के दौरान उसे तनाव हुआ होगा जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली।
गुरुवार की रात 12 से दो बजे के बीच खुद को गोली मारकर आत्महत्या करने की बात सामने आ रही है। रात में मंदिर परिसर में शादी-ब्याह का बाजा बजने व पटाखे छूटने के कारण बैरक में रह रहे अन्य पुलिसकर्मियों को गोली चलने की आवाज नहीं सुनाई पड़ी।
लक्ष्मी ने 10 बजे रात तक संध्या गश्ती की थी। इसके बाद वह अपने कमरे में सोने चली गई। उसकी रूम पार्टनर पीएसआई आरती कुमारी रात्रि ओडी में रात 10 बजे से सुबह आठ बजे तक के लिए ड्यूटी में थाने पर थी। रात लगभग दो बजे आरती फ्रेश होने बैरक के अपने कमरे पर आई उसने कमरे का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कमरा नहीं खुला। लक्ष्मी के मोबाइल पर फोन करने पर भी फोन नहीं उठा। बताया जाता है कि रात में मंदिर परिसर में शादी-ब्याह का बाजा बजने व पटाखे छूटने के कारण बैरक में रह रहे अन्य पुलिसकर्मियों को गोली चलने की आवाज नहीं सुनाई पड़ी।
इसके बाद आरती वापस थाना चली आयी। पुन: आरती सुबह लगभग 4:30 बजे बैरक के कमरे में गई। फिर से दरवाजा खटखटाया गया, लेकिन कमरा नहीं खुला। अन्य पुलिसकर्मियों को इसकी जानकारी दी गई। मेन गेट के ऊपर के शीशे से झांकने पर लक्ष्मी अपने बेडरूम में नहीं मिली।
पुलिसकर्मियों ने इसकी जानकारी थानाध्यक्ष सत्य प्रकाश झा को दी। थानाध्यक्ष के आने के बाद खिड़की का शीशा तोड़कर कमरे में प्रवेश किया गया। कमरे से सटे किचन में लक्ष्मी मृत अवस्था में पाई गई। उसके सिर से खून बहा रहा था। उसके सिर के दाहिने हिस्से में गोली लगी थी। पिस्टल उसके हाथ में फंसी हुई थी। पुलिस बैरक में पीएसआई लक्ष्मी कुमारी की मौत की जांच मुजफ्फरपुर से एफएसएल की टीम घटनास्थल पर पहुंची।
टीम लक्ष्मी के परिजनों की मांग पर वहां पहुंची थी। टीम ने वहां लक्ष्मी के कमरे एवं उसके शव का गहन निरीक्षण किया। घटनास्थल पर मौजूद कई नमूने व साक्ष्य को जांच के लिए अपने साथ ले गई। इस दौरान वहां आईजी व सदर एसडीपीओ भी मौजूद थे। टीम को आईजी अजिताभ कुमार ने कई निर्देश दिए। टीम 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी।

लक्ष्मी कुमारी की मौत की जांच करने मुजफ्फरपुर से एफएसएल की टीम घटनास्थल पर पहुंची। टीम लक्ष्मी के परिजनों की मांग पर वहां पहुंची थी। टीम ने वहां लक्ष्मी के कमरे एवं उसके शव का गहन निरीक्षण किया। घटनास्थल पर मौजूद कई नमूने व साक्ष्य को जांच के लिए अपने साथ ले गई। इस दौरान वहां आईजी व सदर एसडीपीओ भी मौजूद थे। टीम को आईजी अजिताभ कुमार ने कई निर्देश दिए। टीम 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपेगी।
क्या लगता है आपको। दोनों हाइप्रोफाइल सुसाइड केस में क्या समानता है। कहीं ऐसा तो नहीं लगा आपको, दोनों की मामले एक ही तरफ इशारा करते हैं। खैर, पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाना कतई उचित और लाजिमी नहीं है। कारण, पूरा महकमा शोकाकुल है चाहे वजह कुछ भी रही हो, मगर, इन दोनों मौत से रहस्य का आवरण हटाना भी तो जवाबदेही है। कारण, हर कोई जानना चाहता है आखिर दोनों ही केस में मामला क्या था…?









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