ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU) और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय (KSDSU) के साथ बिहार के 13 विश्वविद्यालयों को मार्च से मई 2025 के लिए ₹453 करोड़ की अनुदान राशि स्वीकृत कर दी है। शिक्षकों और कर्मचारियों को इससे लंबित वेतन मिलेगा। वहीं,शनभोगियों को भी मिलेगी राहत – बकाया पेंशन भी होगी जारी।
बिहार के 13 विश्वविद्यालयों को ₹453 करोड़ की अनुदान राशि, शिक्षकों-पेंशनभोगियों को मिलेगा लंबित भुगतान
पटना/देशज टाइम्स — ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, या अन्य बिहार विश्वविद्यालयों से जुड़े कर्मियों व पेंशनभोगियों के लिए राहत की खबर है। बिहार सरकार ने मार्च से मई 2025 तक के वेतन, पेंशन और विकास मद के लिए ₹453.34 करोड़ की अनुदान राशि को मंजूरी दे दी है।
अनुदान राशि से क्या होगा लाभ
तीन महीनों का लंबित वेतन और पेंशन अब शीघ्र मिलेगा। विश्वविद्यालयों के बुनियादी ढांचे और शैक्षणिक सुविधाओं के विकास के लिए भी फंड मिलेगा। राशि की जारी प्रक्रिया शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग को भेज दी है, अगले सप्ताह तक फंड ट्रांसफर की उम्मीद है।
किन-किन विश्वविद्यालयों को मिलेगा अनुदान?
राज्य के निम्नलिखित 13 विश्वविद्यालय इस फंड का लाभ पाएंगे। इसमें, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के अलावे पटना विश्वविद्यालय, पटना, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, बीआर आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा, पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया, तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर, मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, पटना शामिल हैं।
किस काम में खर्च होगी राशि?
वेतन भुगतान मद में मार्च से मई तक के लंबित शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों का वेतन मिलेगा। पेंशन मद वितरण में सेवानिवृत्त कर्मियों को लंबित पेंशन मिलेंगे। वहीं, विकास मद में विश्वविद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर और शैक्षणिक सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
सरकारी पहल और संगठनों की मांग का मिला असर
शिक्षक संगठनों ने लंबे समय से वेतन-पेंशन जारी करने की मांग की थी। शिक्षा मंत्री ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और प्रक्रिया को गति दी गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने पुष्टि की कि राशि मिलते ही विश्वविद्यालयों को भेजी जाएगी।