बिहार के सभी अस्पतालों में डॉक्टर हड़ताल (Doctors on strike in Bihar) पर चले गए हैं। इससे चिकित्सा जगत में फिर से एकबार सन्नाटा है। कारण, राज्य के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के हड़ताल कर चले जाने से अस्पतालों की ओपीडी सेवा बंद हो गई है। वहीं, अस्पताल पहुंचे मरीजों की फजीहत शुरू हो गई है। पूरे प्रदेश के डॉक्टर बायोमैट्रिक सिस्टम से हाजिरी बनाने के खिलाफ हैं। बिहार बिहार राज्य चिकित्सा संघ (Bihar Health Association) ने इसको लेकर नाराजगी जाहिर की है।
बिहार स्वास्थ्य संघ (Bihar Health Association) के महासचिव डॉ. रंजीत कुमार ने आक्रोशपूर्ण लहजे में कहा है कि अस्पतालों में डॉक्टरों की ड्यूटी के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम से अटेंडेंस बनाने की परंपरा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। डॉक्टर इसका विरोध करेंगे और करते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टर ओपीडी का बहिष्कार करेंगे, लेकिन इमरजेंसी सुविधा बहाल रहेगी। हड़ताल की सूचना स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव (Doctors strike on Thursday) समेत सभी जिलों के सिविल सर्जन को दे दी गई है।
महासचिव डॉ. रंजीत कुमार ने कहा है कि संघ के आह्वान पर राज्य भर के सभी अस्पतालों में डॉक्टर हड़ताल पर रहते हुए ओपीडी की ड्यूटी नहीं कर रहे हैं। हालांकि, इमरजेंसी सेवा पर कोई असर नहीं पड़ा है।
इस बीच पटना के पीएमसीएच और दरभंगा के डीएमसीएच समेत अन्य अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों की परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ गई है। हालांकि, हड़ताल के दौरान अस्पतालों में ओपीडी बंद रहेगा। वैसे, इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टर मौजूद रहेंगे।