दरभंगा में साइबर फ्रॉड थम नहीं रहा। अधिकारी से लेकर आम लोग लगातार इसकी चपेट में आ रहे हैं। ताजा मामला, पेट्रोल पंप डीलरशिप का है। इसके झांसे में आकर दरभंगा के युवक से 13.5 लाख की बड़ी साइबर ठगी हुई है।@प्रभास रंजन, दरभंगा,देशज टाइम्स।
DSP राहुल कुमार बोले – जल्द होगी गिरफ्तारी
रिलायंस जियोबीपी के नाम पर बड़ी ठगी हुई है। जमीन का निरीक्षण भी किया –जमीन के कागज, आधार कार्ड, और NEFT से पैसे मंगवाए गए। सर्वेयर बनकर आया फर्जी व्यक्ति, दस्तावेज लेकर चला गया। पेट्रोल पंप दिलाने का झांसा देकर साइबर ठगों ने लूटा लाखों। दरभंगा में पेट्रोल पंप डीलरशिप के नाम पर 13.5 लाख की साइबर ठगी की जांच तेज और FIR दर्ज करते DSP राहुल कुमार बोले – जल्द होगी गिरफ्तारी
बड़ी घोखेबाजी
दरभंगा में पेट्रोल पंप डीलरशिप के नाम पर बहेड़ी के युवक से ₹13.5 लाख की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। ठगों ने खुद को कंपनी का प्रतिनिधि बताकर कई किस्तों में पैसे ठग लिए और बाद में मोबाइल नंबर बंद कर फरार हो गए।
विज्ञापन देखकर संपर्क करने पर शुरू हुई ठगी की कहानी
पीड़ित लालबाबू महतो, निवासी मोहन महतो, थाना बहेड़ी, ने बताया कि उन्होंने 24 मार्च 2024 को पेट्रोल पंप डीलरशिप का एक विज्ञापन देखा। विज्ञापन में दिए गए संपर्क नंबर पर कॉल किया, तो जवाब में कहा गया कि डीलरशिप के लिए ₹1 करोड़ का निवेश जरूरी है। पीड़ित ने ₹40–50 लाख तक निवेश करने की बात कही, तो ठगों ने ₹35,500 की रजिस्ट्रेशन फीस मांगी।
सर्वेयर बनकर पहुंचे जालसाज, जमीन का किया निरीक्षण
आरोपी ने सतीश पाठक नाम के व्यक्ति को सर्वेयर बताकर बहेड़ी भेजा। उसने पेट्रोल पंप के लिए चिन्हित जमीन का निरीक्षण किया और सारे कागजात लेकर चला गया।इसके बाद शुरू हुआ बड़े पैमाने पर पैसों की मांग का सिलसिला।
किस्तों में लिए ₹13.49 लाख, फिर नंबर किया बंद
20 अप्रैल 2024 को ₹5 लाख NEFT से भेजे गए। 14 मई को ₹4.63 लाख और जुलाई-अगस्त में कुल ₹3.85 लाख और भेजे गए। ठगों ने NOC, सिक्योरिटी और निर्माण के नाम पर किस्तों में पैसा मंगवाया। कुल मिलाकर ₹13,49,001 की साइबर ठगी हो गई।
24 मार्च 2024 से शुरू हुआ था झांसा दो ठगी का खेल
प्राथमिकी के अनुसार लालबाबू ने बताया कि 24 मार्च 2024 को एक पेट्रोल पंप के डीलर शिप का विज्ञापन देखकर उसमे दिए संपर्क नंबर से बात किया था। इस दौरान ठगो ने उन्हें कहा कि डीलरशिप के लिए एक करोड़ रुपये लगाने होंगे। इसके बाद लालबाबू ने सहमति देते हुए कहा कि वे 40 से 50 लाख तक ही व्यय कर पाएंगे।
सतीश पाठक सर्वेयर बनकर पहुंचा
इस दौरान साइबर ठगो ने पहले उनसे रजिस्ट्रेशन के नाम पर जमीन के पेपर,आधार कार्ड,ईमेल आईडी सहित 35 हजार पांच सौ रुपये लिए। इसके बाद लाइब लोकेश देखने के लिए ठगो ने सतीश पाठक नाम के व्यक्ति को सर्वेयर बनाकर पेट्रोल पंप की जमीन देखने बहेड़ी पहुचकर निरीक्षण कर सभी कागजात लेकर चले गए।
20 अप्रैल 2024 को नेफ्ट के माध्यम से पांच लाख
लालबाबू को ठगो ने फोन कर कहा कि सिक्युरिटी राशि 10 लाख रुपये भेजने के लिए। पीड़ित ठगो के झांसे में आकर 20 अप्रैल 2024 को नेफ्ट के माध्यम से पांच लाख रुपये ,14 मई 2024 को चार लाख 63 हजार पांच सौ रुपये जमा किये। इसके बाद ठगो ने कहा कि एनओसी के लिए आठ लाख देने होंगे।
प्राथमिकी दर्ज, जांच में जुटी साइबर पुलिस
पीड़ित लालबाबू फिर से झांसे में आकर चार जुलाई 2024 को दो लाख,18 जुलाई को 15 हजार ,13 अगस्त को 20 हजार साइबर ठगो के खाते में भेज दिया ।इस तरह से कुल 13 लाख 49 हजार एक रुपये साइबर ठगो ने ले लिया ।इसके बाद साइबर ठगो ने उन्हें कहा कि आपका पेट्रोल पंप का एनओसी बन गया है जल्द ही पंप की जमीन पर शेड निर्माण का का शुरू की जाएगी। ठगों ने कहा, “आपका एनओसी बन गया है, जल्द ही शेड निर्माण शुरू होगा“।इसके बाद सभी नंबर बंद कर दिए गए, और कोई संपर्क नहीं हो सका।
प्राथमिकी दर्ज, जांच में जुटी साइबर पुलिस
साइबर थानाध्यक्ष सह डीएसपी राहुल कुमार ने बताया कि
“प्राथमिकी के बाद अनुसंधान किया जा रहा है जल्द ही ठगो को चिन्हित कर गिरफ्तार कर लिया जाएगा।लोग जागरूक रहे ।औऱ तुरन्त 1930 हेल्पलाइन नम्बर पर शिकायत दर्ज कराए।”