दरभंगा में आसमान से बरस रहा ‘आग’! हीट वेव से जले किसान! ‘सुई जैसी धूप’ से किसान बेहाल, मखाना-मूंग और धान की बर्बादी शुरू। मछलियां मर रही। जलते खेत! न पानी बचा, न उम्मीद – किसान बोले – बारिश के बिना नहीं बचेगा एक भी माछ, धान, मूंग का दूसरा तोड़न भी खत्म!@जाले-दरभंगा,देशज टाइम्स।
हीट वेव का कहर: जाले में मर रहीं मछलियां, मूंग की फसलें सूखीं-मुरझाईं-बोले किसान-हम बारिश को तरसे
धरती तप रही, आसमान सूना—जल्द बारिश नहीं हुई तो बर्बाद होगी खेती
जाले (दरभंगा), देशज टाइम्स। प्रखंड क्षेत्र में लू (Heatwave) का प्रभाव इतना गहरा हो गया है कि जन-जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुका है। लोग मोबाइल पर वेदर ऐप्स में नजरें गड़ाए बैठे हैं, और आकाश की ओर टकटकी लगाए बारिश की बाट जोह रहे हैं। सुबह की धूप सुई की तरह चुभने लगी है, जिससे लोग घर से निकलने से भी कतरा रहे हैं।
तालाब में मछलियों की मौत, मखाना भी संकट में
तेज गर्मी के कारण तालाबों में पानी का ऑक्सीजन स्तर गिर रहा है, जिससे मछलियों की मौत की खबरें मिल रही हैं। मखाना उत्पादन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है, पौधे मुरझाने लगे हैं।
धान की नर्सरी में दरारें, किसान कर रहे लगातार पटवन
खरीफ सीजन की शुरुआत के लिए किसानों ने धान की नर्सरी तैयार की थी, लेकिन हीट वेव के कारण नर्सरी में दरारें पड़ गई हैं। रतनपुर के किसान चंदर दास, विजय दास और राजेश्वर सहनी के अनुसार, पटवन के दूसरे दिन ही मिट्टी सूख जाती है।
मूंग की फसल भी प्रभावित, नमी की कमी से फलन घटा
खेतों में लगे गरमा मूंग की तोड़ाई तेजी से चल रही है, लेकिन पौधों की बढ़वार में बाधा आ रही है। बनारसी देवी जैसी महिला किसान बताती हैं कि नमी की कमी से पौधे झड़क रहे हैं, जिससे उत्पादन में गिरावट आ रही है।
प्रमुख फसलें संकट में, बारिश ही आखिरी उम्मीद
मछली पालन, मखाना, धान की नर्सरी, और मूंग – सभी फसलें गंभीर संकट में हैं। क्षेत्र के किसानों को अब हल्की बारिश की भी सख्त ज़रूरत है, अन्यथा फसलों को भारी नुकसान हो सकता है।