Madhubani News: धर्मनिरपेक्ष दलों की एकजुटता के अग्रदूत थे येचुरी| जहां, सीताराम येचुरी के निधन पर (Yechury, pioneer of unity of secular parties, remembered in Madhubani) सर्वदलीय श्रद्धांजलि सह संकल्प सभा का आयोजन किया गया।
मधुबनी में रविवार को भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) मधुबनी जिला कमिटि द्वारा सुरज नारायण सिंह देव नारायण गुरमैता टू विद्यालय के सभा कक्ष में सीपीएम जिला कमिटि द्वारा आयोजित सीताराम येचुरी जी के निधन पर सर्वदलीय श्रद्धांजलि सह संकल्प सभा का आयोजन किया गया।
अध्यक्षता सीपीएम जिला सचिव मनोज कुमार यादव ने किया, जबकि मंच संचालन दिलीप झा ने किया,श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए विभूतिपुर के विधायक सीपीएम विधायक दल के नेता अजय कुमार ने कहा कि सीताराम येचुरी का जीवन बहुत ही संघर्षशील रहा।
येचुरी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि एक ब्राह्मण परिवार तमिलनाडु में 12 अगस्त 1952 को जन्म लिए उनकी प्राथमिक शिक्षा हैदराबाद में हुआ फिर जब तेलंगाना आंदोलन शुरू हुआ तो प्रेसिडेंट स्कूल से सीबीएसई में भारत में प्रथम स्थान लाए,सेंट स्टीफेन कॉलेज से स्नातक और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए किए फिर भारत का छात्र फेडरेशन का लगातार तीन बार अध्यक्ष बने।
उन्होंने बताया कि पीएचडी में दाखिला लिए और इमरजेंसी आंदोलन में भूमिगत हुए। फिर जेल गए उसके बाद भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी के पोलित ब्यूरो के सदस्य बने और राष्ट्रीय महासचिव तक का सफर तय किए,येचुरी जी मार्क्सवादी चिंतक, लेखक, साहित्यकार, प्रख्यात अर्थशास्त्री, धर्मनिरपेक्ष एकता के प्रतिक,सर्वश्रेष्ठ सांसद के साथ निपुण वक्ता थे, सभी भाषाओं के ज्ञाता भी रहे।
उन्होंने बताया कि वह विदेशों में भी बड़े बड़े मंच से लोगों को विद्वता का एहसास कराए और अंतरराष्ट्रीय स्तर के नेता रहे,वह जन जन के नेता थे, और उच्च कोटि के शिक्षक के तौर पर भी कार्य किए, पत्रकारों के सवालों को बहुत ही सरलता बेहिचक जबाब देते रहे। आज हम लोगों के बीच नहीं रहे, लेकिन उनके दिखाए रास्ते पर चलने की हम लोग संकल्प लें।
जरूरत है कि भारत के धर्मनिरपेक्ष,एकता भाईचारा सामाजिक न्याय,सामानता के साथ किसान मजदूरों के लिए सदैव अपनी बातों को मजबूती से रखते रहें। वक्ताओं ने कहा कि येचुरी जी बहुत ही लोकप्रिय नेता थे। उन्होंने धर्मनिरपेक्ष दलों को एकजुटता के लिए सदैव तत्पर रहा करते थे। साम्प्रदायिकता के खिलाफ लोगों और नेताओं को गोलबंद कर समान विचारधारा वाले को एक मंच पर लाने का अथक प्रयास करते रहे, बहुत ही सुलझे हुए नेता रहे।
आज हम सब के बीच नहीं रहे जो बहुत ही पीड़ादायक है। परंतु भारतीय इतिहास में अमर हो गए। पूर्व सांसद सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि सांसद में जबरदस्त भाषण किया करते थे। जब संसदीय कार्यकाल में अंतिम भाषण किए तो कई सांसद रोने लगे उनके अंदर जबरदस्त प्रतिभा के धनी थे। सांसद में जनता के बुनियादी सवालों को जोर शोर से किसान, मजदूर, नौजवान, महिलाओं सब के लिए एक आवाज रहे।
पूर्व विधायक रामअशीष यादव ने कहा जब सांसद में बोलने का समय आता था तो उनकी बातों को सर्वोच्च सांसद लोग बड़ी गंभीरता से उनकी बातों को सुनते थे। सत्ता पक्ष या विपक्ष सभी उनको सम्मान के साथ भाषण सुनते रहे,वह बड़े-बड़े सेमिनार में जाते रहे और अपनी प्रतिभा से लोगों को समा बांध देते थे और दुनिया उनको को सुनते थे।
अपने विचारों, सिद्धान्तों के प्रति कभी समझौता नहीं किए। वक्ताओं ने कहा कि आज के समय में उनके निधन से अपूर्णीय क्षति हुई। हम सब संकल्प लें और उनसे सिखने की जरूरत है,वह काफी सरल स्वभाव, साधारण जीवन, हंसमुख रहा करते थे। बड़े सम्मान के साथ लोग उनको देखते थे। वह काफी जनता के बीच लोकप्रिय रहे। सभा को राज कुमार यादव,माले के जिला सचिव धुर्व नारायण कर्ण, सीपीआई के मोती कुमार, विजय नाथ मिश्र, नारायण महतो, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सितलाम्बर झा,अवधेश कुमार, गणपति झा, आंनद मोहन चौधरी विजय नाथ मिश्र,अजीत यादव, विजय यादव, प्रेम कांत दास, शशिभूषण प्रसाद, राम जी यादव, जय जय राम यादव, बुद्ध प्रकाश, राजेद्र यादव,ईश्वर गुरमैता, रुचि कुमारी,श्याम लाल यादव सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया।