एक बात साफ। देशज टाइम्स हिंदू-मुसलमान जैसे शब्दों से परहेज करता है। लेकिन,घटनाक्रम की वस्तुस्थिति से हुबहू रूबरू कराने के लिए हम सुधी पाठकों से क्षमा प्रार्थी हैं। जहां, गोठानी गांव स्थित मदरसा में तीन लड़कियों जिनकी उम्र 8, 13 और 14 वर्ष बताई जा रही है,मुस्लिम वेशभूषा में मदरसा में पहुंची। शक और संदेश के बाद जब पूछताछ शुरू हुई तो कई चौंकाने वाले राज सामने आए। गहन पूछताछ में वे.. @ कुशेश्वरस्थान (दरभंगा), देशज टाइम्स। देखें VIDEO
Darbhanga के मदरसा में ‘ …भीख मांगती हिंदू लड़की, फिर? देखें VIDEO
View this post on Instagram
कुशेश्वरस्थान के मदरसे में बुर्का पहन भीख मांग रहीं तीन नाबालिग हिंदू लड़कीं पकड़ी गईं, पुलिस जांच में जुटी
दरभंगा— कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के गोठानी गांव स्थित एक मदरसे में सोमवार को उस समय हड़कंप मच गया जब बुर्का पहनकर मुस्लिम वेषभूषा में भीख मांगने आई तीन नाबालिग हिंदू लड़कियों को स्थानीय ग्रामीणों ने पकड़कर 112 नंबर पुलिस को सूचना दी। देखें VIDEO
दरभंगा में मानवता को झकझोर देने वाली घटना!तीन नाबालिग हिंदू लड़कियां बुर्का पहनकर मदरसे में भीख मांगते पकड़ी गईं। सामने आई सच्चाई – गरीबी में मजबूरी!
कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के गोठानी गांव स्थित मदरसा में सोमवार को बुर्का पहनकर भीख मांग रही तीन हिंदू नाबालिग लड़कियों को ग्रामीणों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। तीनों लड़कियां मुस्लिम वेशभूषा में मदरसा में मदद मांगने पहुंची थीं।
मौलवी को हुआ शक, गहन पूछताछ में उभरी सच्चाई
मदरसा के मौलवी ने जब तीनों लड़कियों से सवाल किया, तो पहले उन्होंने बरगलाने की कोशिश की, लेकिन गहराई से पूछने पर उन्होंने हिंदू होने और भीख मांगने की मजबूरी स्वीकार की। तीनों लड़कियों ने बताया कि उनके पिता बीमार हैं और इलाज के लिए मदद मांग रही थीं।
मदरसे में संदिग्ध पहचान पर मौलवी ने की पूछताछ
सुबह करीब 11:30 बजे, तीन बच्चियाँ — दो किशोरी (14 और 13 वर्ष) तथा एक 8 वर्षीय बच्ची — मदरसे में पिता की बीमारी का हवाला देकर आर्थिक सहायता मांगने पहुंचीं। सभी ने बुर्का पहन रखा था और खुद को मुस्लिम बताने की कोशिश की। मौलवी को शक होने पर जब गहन पूछताछ की गई, तो बच्चियों ने हिंदू होने की बात स्वीकार की।
गरीबी के चलते भीख मांगने की बात स्वीकार की
पूछताछ में लड़कियों ने बताया कि वे अत्यधिक गरीबी में हैं और अपने पिता के इलाज के लिए भीख मांगने को मजबूर हैं। गांव के पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि मो. राशिद ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने थाने लाकर पूछताछ की, अभिभावकों को बुलाया गया
पुलिस टीम मौके पर पहुंची और तीनों बच्चियों को थाना लाया गया। उनके द्वारा बताए गए पते पर माता-पिता को थाना बुलाया गया, लेकिन समाचार लिखे जाने तक कोई अभिभावक नहीं पहुंचा था।
एसआई रौशन रंजन ने पुष्टि की कि तीनों लड़कियां फिलहाल पुलिस अभिरक्षा में हैं, और अभिभावकों के आने पर आगे की स्थिति स्पष्ट होगी।
प्रशासन की भूमिका और समाजिक चिंता
यह घटना बाल सुरक्षा, भीख मांगने की प्रवृत्ति, धार्मिक वेषभूषा के दुरुपयोग जैसे संवेदनशील मुद्दों को उजागर करती है। प्रशासन और बाल कल्याण विभाग की सक्रिय भूमिका जरूरी है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।