7 महीने 20 दिन में सुनाया गया फैसला (Highlights)
7 महीने 20 दिन में सुनाया गया फैसला। चार आरोपी दोषी, एक बरी। मारपीट और SC/ST उत्पीड़न का मामला। कुल 8 गवाहों की गवाही। प्रत्येक को ₹2,000 अर्थदंड की सजा। 323 और SC/ST एक्ट की धारा 3(2)(v) में दोषी पाए गए चार आरोपी, अर्थदंड की सजा सुनाई गई@दरभंगा,देशज टाइम्स कोर्ट रिपोर्टर।
दरभंगा कोर्ट का त्वरित फैसला, उदाहरण किया पेश
दरभंगा, देशज टाइम्स कोर्ट रिपोर्टर। अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में दरभंगा कोर्ट ने महज 7 माह 20 दिनों में न्याय निर्णय देकर उदाहरण पेश किया है।
दरभंगा में एससी/एसटी एक्ट के तहत त्वरित न्याय: कोर्ट ने 7 माह 20 दिन में सुनाया फैसला, 4 आरोपी दोषी करार
विशेष न्यायाधीश शैलेन्द्र कुमार की एससी/एसटी अदालत ने सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के कोरा निवासी चार अभियुक्तों को दोषी पाते हुए अर्थदंड की सजा सुनाई है।
क्या है मामला?
बिमला देवी नामक महिला ने गांव के कुछ लोगों द्वारा उनके घर के सामने डिस्पोजल सिरिंज फेंके जाने का विरोध किया था। विरोध करने पर महिला के साथ मारपीट की गई थी। इस पर सिंहवाड़ा थाना कांड संख्या 132/20 के तहत राजकुमार मंडल, सुमन कुमार मंडल, बिनोद मंडल और रितेश मंडल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
मामले की सुनवाई और फैसला
29 अक्टूबर 2024 को कोर्ट में SC/ST एक्ट 134/20 के तहत आरोप गठित किए गए थे। विशेष लोक अभियोजक (स्पेशल पीपी) संजीव कुमार कुंवर ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से कुल आठ गवाहों की गवाही कराई गई।
कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर चार अभियुक्तों को दोषी माना और पांचवें को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
कोर्ट का फैसला:
IPC की धारा 323 (मारपीट) के तहत: ₹1,000 का अर्थदंड, SC/ST Act की धारा 3(2)(v) के तहत: ₹1,000 का अतिरिक्त अर्थदंड, इस प्रकार प्रत्येक दोषी को कुल ₹2,000 जुर्माना भरने का आदेश दिया गया।