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12 फ़रवरी, 2024
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“पास वो आने लगे जरा-जरा”, BJP ने कहा Rahul टुकड़े-टुकड़े गैंग, JDU से जवाब आया…”बुरी बात”

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Bihar Politics। एक गाना बड़ा मशहूर है। पास वो आने लगे जरा-जरा। यही हाल फिलहाल, कांग्रेस और नीतीश कुमार के बीच की चहलकदमी से राजनीतिक विश्लेषक गुनगुनाने लगे हैं। दरअसल, जब से महाराष्ट्र में महायुति की बंपर जीत मिली है।

शिंदे सीएम की कुर्सी से एक पायदान नीचे खिसके हैं। बिहार की राजनीति में भी बेचैनी हो गई हैे। कहीं, कुर्सी खिसके दूसरे पायदान पर ना चला जाए। यही वजह है कि आज ये गाना खूब चल पड़ा है। पास वो आने लगे जरा-जरा। वजह भी बाजिव है।

बिहार की राजनीति में नई गुनगुनाहट: पास वो आने लगे जरा-जरा

पटना, देशज टाइम्स पॉलिटिकल डेस्क: बिहार की राजनीति में इन दिनों माहौल कुछ बदला-बदला सा है। नीतीश कुमार और कांग्रेस के बीच की बढ़ती नजदीकियों को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी की हालिया रणनीतियों और वहां के सियासी समीकरणों ने बिहार में भी हलचल मचा दी है।

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राजनीतिक विश्लेषक गुनगुना रहे, “पास वो आने लगे जरा-जरा।”

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की मुख्यमंत्री पद से खिसकने की घटना ने सहयोगी दलों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। बिहार में यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि कहीं यह ट्रेंड यहां भी न दिखे। इसी बीच, नीतीश कुमार और कांग्रेस के बीच बढ़ती गर्माहट पर राजनीतिक विश्लेषक गुनगुनाने लगे हैं – “पास वो आने लगे जरा-जरा।”

गिरिराज सिंह का हमला और कांग्रेस की प्रतिक्रिया

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्हें ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ का नेता बताया और जॉर्ज सोरोस से उनके कथित संबंधों का आरोप लगाया।

  • गिरिराज सिंह ने दावा किया कि सोनिया और राहुल गांधी विदेशी ताकतों से मिलकर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं।
  • इस पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “बिना तथ्यों के किसी पर गंभीर आरोप लगाना अनुचित है।”
  • नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने भी इसे गलत बताया और कांग्रेस के देशहित में योगदान को रेखांकित किया।
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कांग्रेस का भरोसा और बीजेपी पर निशाना

बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने नीतीश कुमार पर भरोसा जताते हुए कहा कि बीजेपी सहयोगी दलों का सम्मान नहीं करती।

  • उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को सीएम पद से हटाकर देवेंद्र फडणवीस को वापस ला दिया।
  • साथ ही, अकाली दल और जदयू के अनुभवों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी सहयोगियों को हाशिए पर धकेलने की रणनीति अपनाती है।

नीतीश कुमार पर कांग्रेस की उम्मीद

कांग्रेस को भरोसा है कि नीतीश कुमार समय रहते बीजेपी से अलग होकर विपक्षी एकता का हिस्सा बनेंगे।

  • विपक्षी दलों का मानना है कि नीतीश कुमार बीजेपी की “बिग ब्रदर” पॉलिसी को समझते हैं और इससे असहज हैं।
  • अखिलेश सिंह के बयान को 2024 के चुनावी गठजोड़ के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
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राजनीतिक विश्लेषण

बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का हर कदम महत्वपूर्ण होता है।

  • अगर जदयू कांग्रेस के साथ आता है, तो विपक्ष को बिहार में बड़ी ताकत मिल सकती है।
  • हालांकि, बीजेपी की रणनीति और नीतीश कुमार की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं पर सबकी नजरें टिकी हैं।

निष्कर्ष: बिहार की राजनीतिक फिजा में बदलाव है: बिहार की राजनीति में बदलाव की आहटें स्पष्ट हैं। महाराष्ट्र की घटनाओं ने इस संभावना को और मजबूत किया है। देखना होगा कि नीतीश कुमार ‘जरा-जरा’ करीब आते हैं या पुरानी राह पर चलते रहते हैं।

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