“खाद से स्वाद खत्म!” –”आलू-बैगन का स्वाद क्यों हो गया फीका? दरभंगा में बड़ा ऐलान – किसान कहें तो खेत में आएंगे वैज्ञानिक! मंत्री रामनाथ ठाकुर का पक्का वादा, अब नहीं रहेंगी समस्याएं अनसुनी। अब वैज्ञानिक पहुंचेंगे खेतों तक!“@जाले-दरभंगा, देशज टाइम्स।
दरभंगा में बड़ा ऐलान –किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नई योजना शुरू
– किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नई योजना शुरू – केंद्रीय मंत्री ने किसानों को दी चेतावनी, जानिए क्यों बदलें खेती का तरीका। दरभंगा में बड़ा ऐलान – मखाना, मछली, सिंघाड़ा की खेती से होगी किसानों की आमदनी दोगुनी!”अब सरकार आपके खेत तक आएगी!” – मंत्री रामनाथ ठाकुर का बड़ा बयान किसान सम्मेलन में@जाले, देशज टाइम्स।
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए वैज्ञानिकों को खेतों तक पहुंचना होगा: केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर
जाले, दरभंगा, देशज टाइम्स | विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत कृषि विज्ञान केंद्र, जाले में शुक्रवार को आयोजित किसान संवाद कार्यक्रम में भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने कहा कि यदि किसानों की आमदनी को दोगुना करना है, तो वैज्ञानिकों और कृषि अधिकारियों को खेतों में जाकर किसानों की समस्याएं सुननी और हल करनी होंगी।
परेशानियों को जानकर उसे दूर करने का तरीका समझाना होगा
किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए अब कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषि अधिकारियों को किसानों के खेतों तक पहुंचना होगा। वहां पहुंचकर उनकी परेशानियों को जानकर उसे दूर करने का तरीका समझाना होगा। यह निर्देश कृषि विज्ञान केंद्र में शुक्रवार को कृषि को और अधिक लाभकारी बनाने के लिए आयोजित विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने कहीं।
उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग से फसल का स्वाद खत्म
मंत्री ठाकुर ने मिट्टी जांच के बाद ही उर्वरकों के उपयोग की सलाह दी। उन्होंने बताया कि अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से आलू, बैंगन जैसे फसलों का स्वाद समाप्त हो गया है। प्राकृतिक खेती को अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे किसानों को अधिक लाभ होगा और गुणवत्ता युक्त अनाज व सब्जी प्राप्त होगी।
आलू, बैगन सहित सभी अनाज स्वाद विहीन हो गए
उन्होंने यह निर्देश किसान संवाद के दौरान कतरौल-बसंत पंचायत के जीविका दीदी रेणु देवी एवं राढ़ी दक्षिणी पंचायत के नरौछ गांव निवासी किसान राघवेन्द्र प्रसाद की ओर से अपनी समस्या उठाने पर दिया। उन्होंने किसानों को अत्यधिक उर्वरकों के प्रयोग से बचने के लिए कहा। बताया कि मिट्टी जांचोपरांत ही उर्वरकों प्रयोग करना चाहिए। अत्यधिक उर्वरकों से आलू, बैगन सहित सभी अनाज स्वाद विहीन हो गए हैं। उन्होंने उपस्थित कृषकों से प्रकृतिक खेती करने स्वाद विहीन अनाज सब्जी की जगह स्वादिष्ट अनाज और सब्जी उत्पादन करने पर जोर देने को कहा।
कभी दूसरे देश से अनाज खरीदने वाला भारत
इस दौरान उन्होंने डॉ. राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ. पीएस पांडेय से भी प्रकृतिक खेती पर और अधिक कार्य करने तथा हर क्षेत्र के किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर करने को कहा। बताया कि नरेंद्र मोदी सरकार किसानों की समृद्धि के लिए तत्पर हैं। अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों का सहयोग मिलेगा तो वह दिन दूर नहीं कि कभी दूसरे देश से अनाज खरीदने वाला भारत दूसरे देशों को अनाज बेचने लगेगा।
1972 से पूर्व…मंत्री ने क्या कहा… दरभंगा के ही निवासी थे
उन्होंने बताया कि 1972 से पूर्व वे भी दरभंगा जिला के ही निवासी थे। वे इस क्षेत्र के किसानों के कष्टों से भलिभांति परिचित हैं। उन्होंने उपस्थित कृषकों से मरुआ, सामा, कौनी आदि मिलेट के साथ-साथ मखाना, मछली एवं सिंघाड़ा की खेती पर भी जोर देने को कहा। उन्होंने संवाद में उपस्थित बिहार सरकार के नगर विकास एवं आवास मंत्री जीवेश कुमार के सभी मांगों को जायज बताते हुए सभी को पूरा करने का भरोसा दिया।
कृषि महाविद्यालय खोलने की मांग
नगर विकास एवं आवास मंत्री जीवेश कुमार ने केन्द्रीय मंत्री से केवीके परिसर में कृषि महाविद्यालय खोलने की मांग की। साथ ही उन्होंने एक एसी सभागार के निर्माण की भी आवश्यकता जताई।
किसानों ने रखीं अपनी समस्याएं
राढ़ी दक्षिणी पंचायत के किसान राघवेंद्र प्रसाद ने खेतों में फसलों को जंगली जानवरों द्वारा नष्ट किए जाने की समस्या उठाई। कतरौल-बसंत पंचायत की जीविका दीदी रेणु देवी ने सिंचाई की कमी और बीज व खाद की समय पर उपलब्धता नहीं होने की बात कही।
प्राकृतिक खेती की दिशा में अग्रसर होने का आह्वान
रामनाथ ठाकुर ने मरुआ, सामा, कौनी (Millets) और मखाना, मछली व सिंघाड़ा की खेती को बढ़ावा देने की बात कही। उन्होंने बताया कि यदि सभी वैज्ञानिक और अधिकारी किसानों का सहयोग करें, तो भारत अन्न निर्यातक देश बन सकता है।
प्रमुख वैज्ञानिकों की उपस्थिति और पुस्तिका विमोचन
कार्यक्रम में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति डॉ पीएस पांडे, आईसीएआर निदेशक डॉ केके सिंह, अटारी पटना निदेशक डॉ अंजनी कुमार, मखाना अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ इंदु शेखर सिंह, डीएओ सिद्धार्थ, सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे। प्रचार पुस्तिका का विमोचन केंद्रीय मंत्री और राज्य मंत्री द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
प्रकाशन, संचालन व स्वागत समारोह
कार्यक्रम का संचालन कृषि अभियंता ई. निधि कुमारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मयंक राय (निदेशक, प्रसार) द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ हुआ और कृषि विज्ञान केंद्र परिवार द्वारा सभी अतिथियों का पारंपरिक स्वागत किया गया।